Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Feb, 2025 10:17 AM
![so far 13 children have been born in prayagraj maha kumbh](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_10_13_308015786prayagrajbirthdeath-ll.jpg)
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ पर्व अपनी शुरुआत के साथ ही सुर्खियों में बना हुआ है। 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ अब तक कई घटनाओं का गवाह बन चुका है। जहां एक ओर महाकुंभ में कई बार आग लगने की घटनाएं हुईं, वहीं मौनी...
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ पर्व अपनी शुरुआत के साथ ही सुर्खियों में बना हुआ है। 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ अब तक कई घटनाओं का गवाह बन चुका है। जहां एक ओर महाकुंभ में कई बार आग लगने की घटनाएं हुईं, वहीं मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में करीब 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के कारण महाकुंभ में अब तक 54 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
महाकुंभ मेले में अब तक 13 बच्चों का हुआ जन्म
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, लेकिन इस बीच एक सुखद खबर भी आई है। महाकुंभ मेले में अब तक 13 बच्चों का जन्म हुआ है। ये सभी बच्चे महाकुंभ मेले के सेंट्रल अस्पतालों में पैदा हुए हैं। महाकुंभ में कुल 13 सेंट्रल अस्पताल बनाए गए हैं, और इनमें से 13 बच्चों का जन्म हुआ है। महाकुंभ के अस्पतालों में प्रसव प्रबंधन को लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि मेले में आने वाली महिलाएं सुरक्षित तरीके से बच्चों को जन्म दे सकें। महाकुंभ के सेंट्रल अस्पतालों में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।
जानिए, क्या कहना है महाकुंभ के सेंट्रल अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर का?
महाकुंभ के सेंट्रल अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि इस महाकुंभ में जहां 13 बच्चों का जन्म हुआ, वहीं 54 श्रद्धालुओं की मौत भी हुई। डॉक्टर के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर मौतें सांस की बीमारी के कारण हुईं, क्योंकि कोविड-19 के बाद कई लोगों को यह समस्या हो गई है। महाकुंभ के जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, और खराब मौसम के कारण बिना रुके चलना जानलेवा साबित हो सकता है। विशेष रूप से, जनवरी के अंत में जब प्रयागराज का तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच था, तब कई श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।