सुरक्षित भारत की पृष्ठभूमि में सरदार पटेल की सोच व परिश्रम: सीएम योगी

Edited By Pooja Gill,Updated: 15 Dec, 2024 02:48 PM

sardar patel s thinking and hard work

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत और सुरक्षित भारत की पृष्ठभूमि में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की सोच, प्रयास व परिश्रम है। भारत रत्न वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित करने के बाद सीएम...

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत और सुरक्षित भारत की पृष्ठभूमि में लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की सोच, प्रयास व परिश्रम है। भारत रत्न वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित करने के बाद सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल वर्तमान भारत के शिल्पी थे। उनका पूरा जीवन राष्ट्र व भारत मां के चरणों में समर्पित था। 1946 में देश के संविधान सभा का गठन हुआ। उसके प्रमुख सदस्य और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने न केवल देश के एकीकरण के वर्तमान अभियान को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं, बल्कि 563 से अधिक रियासतों को भारत गणराज्य का हिस्सा बनाया। आज जो भारत देख रहे हैं, यह सरदार पटेल की सूझबूझ का परिणाम है।        

'इंग्लैंड से लॉ की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे भारत आए सरदार पटेल' 
सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर देश की आजादी के आंदोलन को नई दिशा देने के लिए तत्कालीन नेतृत्व के साथ बढ़-चढ़कर भाग लिया। गुजरात के आणंद के पास छोटे गांव में सामान्य किसान परिवार में उनका जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा भी मां के सानिध्य में घर पर संपन्न हुई। इंग्लैंड से लॉ की शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे भारत आए। सरदार पटेल का देहावसान 15 दिसंबर 1950 को हो गया। उनके नेतृत्व में भारत नई ऊंचाइयों को छूता। उनकी संकल्पनाओं को मूर्त रूप देने के लिए जो अभियान चल रहा है, वह एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पीएम मोदी की परिकल्पना को साकार करेगा। 

'हर अन्नदाता किसान को समृद्धि की नई ऊंचाई तक पहुंचाया' 
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने चंपारण आंदोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन समेत आजादी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें जेल की यातना भी झेलनी पड़ी थी। सरदार पटेल ने अन्नदाता किसानों की समृद्धि व उत्थान के लिए जनजागरण के अनेक अभियान भी चलाए। गुजरात में सहकारिता के मजबूत आंदोलन की पृष्ठभूमि में भी सरदार पटेल का विजन है। उन्होंने हर अन्नदाता किसान को समृद्धि की नई ऊंचाई तक पहुंचाया। एक तरफ भारत मां के इस महान सपूत ने देश के एकीकरण के लिए अभियान को आगे बढ़ाया तो दूसरी तरफ गुलामी के कालखंड में जिन मानबिंदुओं का अपमान हुआ था, उनकी पुनर्स्थापना का भी कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न कराया। सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार को हाथों में लेकर सांस्कृतिक भारत की स्थापना का जो अभियान चलाया था, उसी का परिणाम है कि सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा व कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में नया भारत पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।

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