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सलाखों के पीछे कैदियों की पाठशाला, जेल में 5वीं और 8वीं की परीक्षा देंगे बंदी, 51 बंदियों को पढ़ाने के लिए दो शिक्षक तैनात

Edited By Purnima Singh,Updated: 25 Jan, 2025 06:20 PM

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यूपी के बांदा जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां की जिला जेल में कैदियों की पाठशाला चल रही है। बाकायदा जेल प्रशासन ने उनका स्कूल में एडमिशन भी कराया है। सभी कैदी मार्च में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा भी देंगे। कैदियों को बेसिक शिक्षा...

बांदा : यूपी के बांदा जिले से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां की जिला जेल में कैदियों की पाठशाला चल रही है। बाकायदा जेल प्रशासन ने उनका स्कूल में एडमिशन भी कराया है। सभी कैदी मार्च में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा भी देंगे। कैदियों को बेसिक शिक्षा विभाग के दो टीचर पढ़ाने के लिए लगाए गए हैं। बता दें कि परीक्षा देने वाले कैदियों में महिलाएं और उनके बच्चे भी शामिल हैं। 

पढ़ने वाले कैदियों से जेल प्रशासन कोई और काम नहीं लेता 
बता दें कि जेल में कुल 51 बंदियों की पाठशाला चल रही है। कक्षा पांच में 43 बंदी हैं, वहीं कक्षा आठ में 8 बंदी हैं। कक्षा पांच में 5 महिलायें भी शामिल हैं। इन सभी को पढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के दो शिक्षक लगाए गए हैं। महिला टीचर महिलाओं को पढ़ाती हैं। पढ़ने वाले कैदियों से जेल प्रशासन पढ़ाई के अलावा कोई और काम नहीं करवाता है। साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग कैदियों को किताबें और कॉपियां भी उपलब्ध कराता है। इतना ही नहीं जेल प्रशासन ने इन कैदियों के लिए एक कंप्यूटर लैब भी तैयार की है। जिसमें इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कैदियों को मोटिवेट करके पढ़ाया जाता है - शिक्षक 
जिला जेल में पाठशाला लगाने वाले शिक्षक विक्रम सिंह ने बताया, ''जेल में कैदियों को निरक्षर से साक्षर बनाने के लिए मुझे तैनात किया गया है। मैं इनके मानसिक विकास में बदलाव करने के लिए इन्हें पढ़ाता हूं। मैं पहले कैदियों की भावनाओं को समझता हूं, फिर इन्हें कोई भी सवाल जवाब करता हूं। कैदी सभी उम्र के हैं। ज्यादातर किशोर हैं। इनको मोटिवेट करके पढ़ाया जाता है। काफी परिवर्तन आया है। कुछ लोग तो बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं। आगे इनकी परीक्षा भी होंगी। 

मानसिक विकास में बदलाव के उद्देश्य से हो रही पढ़ाई 
जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार गौतम ने बताया कि कैदियों के जीवन में परिवर्तन लाने और उनके मानसिक विकास में बदलाव करने के उद्देश्य से बांदा मंडल कारागार में दो शिक्षकों की तैनाती डीएम ने की है। इनमें एक पुरुष और एक महिला शिक्षक हैं। महिला टीचर महिला बंदी और उनके बच्चों को पढ़ाती हैं। वहीं पुरुष टीचर पुरुषों को पढ़ाते हैं। कैदियों की क्लासेज रेगुलर चल रही हैं। पढ़ने वाले कैदियों में हत्या, अपहरण, दहेज हत्या, रेप जैसे बड़े अपराध कारित करने वाले अपराधी शामिल हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें स्कूल नहीं भेजा जाता, बल्कि जेल कैम्पस में ही क्लासेज लगाए जाते हैं। 


 

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