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मुर्गी फार्म के कचरे से तालाब का पानी हुआ जहरीला: पीते ही 15 मवेशियों की मौत, 35 से ज्यादा की हालत गंभीर, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

Edited By Mamta Yadav,Updated: 02 Feb, 2025 08:14 PM

poultry water caused pond water due to chicken farm garbage 15 cattle died

बुंदेलखंड के महोबा में एक गंभीर मामला सामने आया है। जहां मुर्गी फार्म के बीट और कचरा डाले जाने से दूषित हुए तालाब का पानी पीने से 15 मवेशियों की मौत हो गई। जैतपुर विकासखंड के अजनर गांव में स्थित तालाब में मुर्गी फार्म का कचरा बीट डाले जाने से घटना...

Mahoba News, (अमित श्रोतीय): बुंदेलखंड के महोबा में एक गंभीर मामला सामने आया है। जहां मुर्गी फार्म के बीट और कचरा डाले जाने से दूषित हुए तालाब का पानी पीने से 15 मवेशियों की मौत हो गई। जैतपुर विकासखंड के अजनर गांव में स्थित तालाब में मुर्गी फार्म का कचरा बीट डाले जाने से घटना बताई जा रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि मुर्गी पालन की बीट डाले जाने से मवेशियों की मौत के साथ-साथ लगभग 35 मवेशी अभी भी बीमार है। एक सप्ताह के अंदर 15 मवेशियों की मौत ग्रामीण पशु पालकों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है।
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बता दें कि पूरा मामला जनपद के अजनर गांव का है। जहां बने पूरन तालाब को मछली पालन ठेके पर ठेकेदार यूनुस लिए जिस पर तालाब के पानी को दूषित करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। तालाब में इकट्ठा हुए ग्रामीण राकेश द्विवेदी, देवीदीन कुशवाहा, जगत कुशवाहा, अंबिका प्रसाद तिवारी परम अनुरागी आदि लोग बताते हैं कि उक्त ठेकेदार द्वारा तालाब में मुर्गी पालन की बीट और कचरा पिकअप वाहनों से बड़ी मात्रा में डाला जा रहा है। जिस कारण मवेशियों के लिए पीने योग्य तालाब का पानी अब विषैला और दूषित हो गया है। पानी का रंग भी पीला पड़ गया है। इसी पानी को पीने से एक सप्ताह के अंदर 15 मवेशियों के मर जाने का आरोप ग्रामीण पशुपालकों ने लगाए है।
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ग्रामीणों का आरोप है कि एक के बाद एक गांव में कई मवेशियों की मौत हो चुकी है जो चिंता का कारण बन चुका है। पशु अस्पताल में मवेशियों के इलाज करने पर भी बीमारी ठीक नहीं हो रही है। आरोप है कि मुर्गी पालन की बीट तालाब में डाले जाने से पानी इस कदर विषैला हो गया है कि मवेशी बच नहीं पा रहे और अभी भी लगभग 35 मवेशी बीमार है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने तालाब में फेंके जा रहे मुर्गी पालन के कचरे और बीट को रोके जाने की मांग की। ग्रामीण बताते हैं कि इसी तालाब में पूरे गांव के मवेशी पानी पीने जाते हैं मगर यह पानी अब पीने योग्य नहीं है। ग्रामीणों ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है साथ ही तालाब की सफाई कराए जाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुर्नवृत्ति ना हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग की है।

इस मामले को लेकर राजकीय पशु चिकित्सालय के डॉक्टर राम सिंह राजपूत बताते हैं कि मौके पर जाकर देखा गया तो तालाब के किनारे बड़ी मात्रा में मुर्गी पालन कचरा पड़ा हुआ है जिसे तालाब में डाला जा रहा है। यह कचरा और मुर्गी पालन की बीट भविष्य में बीमारी फैलाने का कारण बन सकता है।

 

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