Edited By Ramkesh,Updated: 16 Jul, 2025 01:53 PM

बलरामपुर में धर्मांतरण और संपत्ति हड़पने के संगीन आरोपों से जुड़े छांगुर बाबा प्रकरण में शासन ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर में तैनात एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर की भूमिका पर संदेह जताया गया है। गोपनीय जांच में...
लखनऊ: बलरामपुर में धर्मांतरण और संपत्ति हड़पने के संगीन आरोपों से जुड़े छांगुर बाबा प्रकरण में शासन ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। 2019 से 2024 के बीच बलरामपुर में तैनात एक एडीएम, दो सीओ और एक इंस्पेक्टर की भूमिका पर संदेह जताया गया है। गोपनीय जांच में इन अधिकारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने का दावा किया जा रहा है।
STF को शक एडीएम और तहसील कर्मियों ने की आरोपी की मदद
STF को भी इन अफसरों के खिलाफ पहले साक्ष्य मिले थे, लेकिन उस समय कार्रवाई नहीं की गई। अब शासन ने इन चारों अधिकारियों को चिन्हित कर लिया है और जल्द ही इनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार, दो तहसीलदारों सहित कुछ और अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया जा सकता है।
शोरूम हड़पने की साजिश, तालाब की जमीन को भी किया कब्जा
मामले में एक और बड़ा खुलासा तब हुआ जब सामने आया कि उतरौला के मनकापुर रोड पर स्थित करीब 5 करोड़ की लागत वाले शोरूम को छांगुर ने दहेज में हड़प लिया था। जांच रिपोर्ट के अनुसार, 12 नवम्बर 2023 को छांगुर ने नीतू उर्फ नसरीन के नाम से यह भूमि खरीदी थी, जिसमें तहसील कर्मियों की मिलीभगत से इसे खतौनी में दर्ज भी करवा दिया गया। बाद में जांच में सामने आया कि यह भूमि गाटा संख्या 2468/1 व 2468/2 पर स्थित तालाब के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। इसको लेकर उतरौला नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने 24 जून 2022 को एडीएम बलरामपुर को पत्र भेजकर निर्माण कार्य रुकवाने की अपील की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
निकाह की आड़ में संपत्ति पर कब्जा, धर्मांतरण का घिनौना खेल
छांगुर पर आरोप है कि उसने अपनी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की बेटी समाले का पहले धर्मांतरण कराया और फिर उसका नाम बदलकर सबीहा रख दिया। इसके बाद उसने सबीहा का निकाह अपने नाती से करा दिया। एटीएस की जांच में यह सामने आया है कि इस निकाह की आड़ में छांगुर ने 5 करोड़ का शोरूम दहेज में हासिल किया। छांगुर ने पूछताछ में माना कि रोहरा परिवार की करोड़ों की संपत्ति पर उसकी नजर थी और निकाह उसकी साजिश का हिस्सा था।
मुख्य आरोपित: जलालुद्दीन उर्फ छांगुर
छांगुर, जिसका असली नाम जलालुद्दीन बताया जा रहा है, धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड है। एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर ने नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन और उनकी पत्नी नीतू रोहरा को पहले धर्मांतरण कराया, फिर उनके परिवार को अपने जाल में फंसा कर संपत्ति हड़पने की योजना बनाई। प्रशासन अब इस पूरे मामले को संपत्ति कब्जा, फर्जी दस्तावेज, धार्मिक रूपांतरण और आपराधिक षड्यंत्र के एंगल से गंभीरता से जांच कर रहा है।