यूपी में नए कानून लागू: अमरोहा और बरेली में दर्ज हुई पहली FIR, DGP बोले- नए कानून दंड आधारित न होकर न्याय आधारित

Edited By Mamta Yadav,Updated: 02 Jul, 2024 01:59 AM

new law implemented in up first fir registered in amroha and bareilly

उत्तर प्रदेश में सोमवार को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में एक जुलाई से लागू तीन नए कानून के तहत...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में सोमवार को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में एक जुलाई से लागू तीन नए कानून के तहत सबसे पहले अमरोहा में पहली और बरेली में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। जबकि तीसरा आगरा पुलिस कमिश्नरेट के शमशाबाद थाने में दर्ज किया गया। साथ ही वर्तमान में बिना किसी दिक्कत के सभी जगह एफआईआर दर्ज की जा रही है। इसके अलावा सोमवार को प्रदेश के सभी थानों में इसको लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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उन्होंने कहा कि अमरोहा के रहरा थाने में सुबह 9.51 बजे गैर इरादतन हत्या के मामले में बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता 2023) की धारा 106 के तहत दर्ज हुआ है, जो खेत में किसान की करंट लगने से हुई मौत से संबंधित है। इस मामले में दो लोगों को नामजद किया गया है। वहीं दूसरा मुकदमा बरेली के बारादरी थाने में सुबह 10.17 बजे बीएनएस की धारा 97 के तहत दर्ज हुआ है। यह प्रकरण बरेली के अपोलो अस्पताल से एक माह के बच्चे का अपहरण करने से संबंधित है, जिसमें अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं तीसरा मुकदमा आगरा पुलिस कमिश्नरेट के शमशाबाद थाने में सुबह 10.44 बजे बीएनएस की धारा 305 (ए) व 331 (4) के तहत दर्ज किया गया है, जो चोरी से संबंधित है।

UP पुलिस ने वीडियो भी किया जारी
वहीं नए कानूनों के लागू होने के बाद प्रदेश पुलिस ने जागरूकता संबंधी एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें बताया गया कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गये तीन कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। अब नए कानून लागू हो चुके हैं, जो दंड आधारित होने के बजाय न्याय आधारित हैं। साथ ही नए कानूनों की तमाम धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है। साथ ही, गवाहों की सुरक्षा, छोटे अपराधों में सजा की जगह सामुदायिक सेवा कराने का उल्लेख किया गया है।

तीन नए आपराधिक कानून बदलाव के है प्रतीक: DGP
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि एक जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानून औपनिवेशिक युग के कानूनों से एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक हैं, जो सामाजिक गतिशीलता को प्रदर्शित करता है। नए कानून दंड आधारित न होकर न्याय आधारित हैं।

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