Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jan, 2020 01:33 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के मामले में आईपीएस अफसर डीजी नागरिक (सुरक्षा) जे एल त्रिपाठी द्वारा संघ लोक सेवा आयोग को चयन के लिए भेजे गए नामों के संबंध में दायर याचिका पर महाधिवक्ता...
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के मामले में आईपीएस अफसर डीजी नागरिक (सुरक्षा) जे एल त्रिपाठी द्वारा संघ लोक सेवा आयोग को चयन के लिए भेजे गए नामों के संबंध में दायर याचिका पर महाधिवक्ता राज्य सरकार का पक्ष रखेगें। अदालत को बताया गया कि इस मामले में प्रदेश महाधिवक्ता को उपस्थित होना है।
इस आधार पर अदालत ने अगली सुनवाई 27 जनवरी को निर्धारित की है। याची की ओर से कहा कि प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में उच्चतम न्यायालय ने प्रत्येक राज्य सरकार को संघ लोक सेवा आयोग को वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों की सूची भेजने तथा आयोग द्वारा इनमे राज्य सरकार को तीन नाम चयनित कर भेजने का आदेश दिया है। कहा गया कि इसके विपरीत राज्य सरकार ने त्रिपाठी को प्रदेश में कार्यरत वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों में तीसरे स्थान पर होने के बावजूद भी उनका नाम नहीं भेजा तथा उनसे जूनियर अफसरों के नाम भेजे जा रहे है जो उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है।
इसके विपरीत राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि इस मामले में महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह बहस करेंगे। अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर अगली सुनवाई 27 जनवरी को नियत की है। सुनवाई के समय याची के वकील ने तब तक के लिए डीजीपी के चयन की प्रक्रिया को रोकने की प्रार्थना अदालत से की जिसे न्यायालय द्वारा इस स्तर पर अस्वीकार कर दिया।