Edited By Pooja Gill,Updated: 13 Feb, 2025 02:21 PM
![flood of devotees in mahakumbh today the figure will cross 50 crores](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_11_20_163707052unnamed-ll.jpg)
Mahakumbh 2025: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है। हर दिन यहां भारी संख्या में भक्त पहुंचकर त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे है। महाकुंभ अमृतपान की लालसा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं...
Mahakumbh 2025: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में भक्तों का जनसैलाब उमड़ रहा है। हर दिन यहां भारी संख्या में भक्त पहुंचकर त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे है। महाकुंभ अमृतपान की लालसा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद फिलहाल कम होने की उम्मीद नहीं है। आज यहां श्रद्धालुओं के आने का आंकड़ा 50 करोड़ के पार हो सकता है।
अभी तक 48.25 करोड़ से अधिक लोग लगा चुके डुबकी
महाकुंभ की शुरुआत से 13 जनवरी से अभी तक 48.25 करोड़ से अधिक लोग यहां स्नान कर चुके हैं। सभी कल्पवासियों से यातायात नियमों का पालन करने और केवल अधिकृत पार्किंग का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर बुधवार को शाम छह बजे तक दो करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। सरकार ने इस दौरान स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। बुधवार तड़के सुबह से ही चारों दिशाओं से महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चों समेत श्रद्धालुओं का गंगा और संगम घाट की ओर आगमन जारी है।
50 करोड़ के पार होगी श्रद्धालुओं की संख्या
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या आज 50 करोड़ के पार हो सकती है। पावन संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है। सरकार की ओर से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, जिससे कहीं ज्यादा बढ़कर श्रद्धालु आ चुके हैं।
महाशिवरात्रि पर बनेगा रिकार्ड
इस बार के भव्य और दिव्य महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड बनेगा। अभी महाशिवरात्रि का स्नान पर्व बाकी है जिसमें एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है। महाशिवरात्रि के अलावा 13 दिन महाकुंभ में बाकी हैं। इस दौरान छह से सात करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं-स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है।