अखिलेश बोले- जनता पूछ रही है कि बुलडोज़र की कार्रवाई आज होगी या कल? भाजपाई विधायक होने की वजह से विशेष आदर तो नहीं

Edited By Ramkesh,Updated: 16 Dec, 2023 07:10 PM

doesn t he get special respect because he is a bjp mla

नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के नौ साल पुराने एक मामले में दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रामदुलार गोंड़ को 25 साल की सजा व 10 लाख रुपए का जुर्माना हुआ है, इस लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्मंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने...

लखनऊ: नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के नौ साल पुराने एक मामले में दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रामदुलार गोंड़ को 25 साल की सजा व 10 लाख रुपए का जुर्माना हुआ है, इस लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्मंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर जमकर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि बलात्कार के मामले में भाजपा के दुद्धी (सोनभद्र) के विधायक को 25 साल की सजा व 10 लाख रुपए का जुर्माना हुआ है, फिर भी अब तक विधानसभा की सदस्यता रद्द नहीं हुई है। कहीं उन्हें भाजपाई विधायक होने की वजह से विशेष आदर और अभयदान तो नहीं दिया जा रहा है। जनता पूछ रही है कि बुलडोज़र की कार्रवाई आज होगी या कल?

आप को बता दें कि दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक रामदुलार गोंड़ को दुष्कर्म के मामले में 25 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। गोंड सोनभद्र जिले में दुद्धी (आरक्षित सीट) से विधायक है। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि ए डी जे प्रथम (एमपी/ एमएलए) अदालत के न्यायाधीश एहसान उल्लाह खान ने गोंड़ को एक किशोरी से दुष्कर्म के 2014 के एक मामले में दोषी करार दिया है। उन्होंने बताया कि घटना के समय विधायक की पत्नी ग्राम प्रधान थीं। यह घटना चार नवंबर 2014 की है जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा), और 5 एल /6 पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत विधायक पर मुक़दमा दर्ज हुआ था। रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोपी बनाया गया था।

पीड़ित लड़की के भाई की तहरीर पर म्योरपुर थाना की पुलिस ने मामला दर्ज किया था। गोंड उस समय विधायक नहीं थे और मामले की सुनवाई पॉक्सो अदालत में चल रही थी। गोंड के विधायक निर्वाचित होने के बाद मामले की सुनवाई सांसद/विधायक (एमपी/ एमएलए) अदालत में स्थानांतरित कर दी गई। आरोप था कि विधायक बनने के बाद पद का दुरपयोग करते हुए किशोरी और उसके परिजनों पर सलह समझोते का दबाव भी बनाया गया था। लेकिन पीड़िता का भाई हार नहीं मान। इसकी का नतीजा रहा है कि 9 साल की लम्बी लड़ाई के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।

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