Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Apr, 2024 08:28 AM
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह आज यानी मंगलवार को जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे। उनकी रिहाई बुधवार शाम तक हो सकती है। धनंजय सिंह के वकील शिव प्रताप सिंह के मुताबिक, जौनपुर की जिला...
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह आज यानी मंगलवार को जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे। उनकी रिहाई बुधवार शाम तक हो सकती है। धनंजय सिंह के वकील शिव प्रताप सिंह के मुताबिक, जौनपुर की जिला अदालत में अभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी हैं। आज औपचारिकताएं पूरी करने की कोशिश की जाएगी। अगर आज औपचारिकताएं पूरी हो गई तो बुधवार शाम तक धनंजय सिंह बरेली जेल से रिहा हो सकते है।
बरेली के सेंट्रल जेल में बंद हैं धनंजय सिंह
बाहुबली धनंजय सिंह अभी बरेली के सेंट्रल जेल में बंद हैं। अपहरण और जबरन वसूली के मामले में उन्हें निचली अदालत से मिली 7 साल की सजा के मामले में हाई कोर्ट ने शनिवार को जमानत दे दी। अगले दिन रविवार होने के चलते कागजी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। धनंजय सिंह के सोमवार या फिर आज मंगलवार को जेल से बाहर आने की उम्मीद थी। लेकिन, अब उनकी रिहाई कल यानी बुधवार शाम तक हो सकती है। बता दें कि सोमवार को स्वजन की ओर से जमानत संबंधी प्रपत्र जौनपुर जिला न्यायालय में दाखिल किये गए। जो मंगलवार को जौनपुर जेल के बाद बुधवार तक बरेली सेंट्रल जेल पहुंचने की उम्मीद है।
अदालत में अभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकीः वकील
धनंजय सिंह की जमानत को लेकर उनके वकील शिव प्रताप सिंह ने कहा कि जौनपुर की जिला अदालत में अभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी हैं। आज औपचारिकताएं पूरी करने की कोशिश की जाएगी। अगर आज औपचारिकताएं पूरी हो गई तो धनंजय सिंह बुधवार शाम तक बरेली जेल से रिहा हो सकते हैं।
आज बरेली जेल में धनंजय से मुलाकात कर सकते हैं करीबी सदस्य
आज यानी मंगलवार को धनंजय सिंह से वकील या परिवार के कुछ करीबी सदस्य बरेली जेल में मुलाकात कर सकते हैं। इस मुलाकात के दौरान धनंजय सिंह से इलाहाबाद हाईकोर्ट से सजा पर रोक नहीं लगने के बाद फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में ही चुनौती देने के बारे में राय ली जाएगी। उनकी राय के बाद ही फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने या इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिव्यू दाखिल किए जाने पर विचार किया जाएगा। बता दें कि धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने की संभावना अब बहुत कम बची है। 6 मई को नामांकन की आखिरी तारीख से पहले अगर सजा पर रोक लगी तभी वह चुनाव लड़ सकेंगे।