Edited By Harman Kaur,Updated: 01 May, 2024 12:21 PM
र्व सांसद धनंजय सिंह को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद आज बुधवार को बरेली जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई......
बरेली: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद आज बुधवार को बरेली जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। इसके बाद वह जौनपुर के लिए रवाना हो गए।
27 अप्रैल को मिली थी धनंजय सिंह को जमानत
बता दें कि जौनपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने गत 6 मार्च को धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम को, नमामि गंगे परियोजना प्रबंधक अभिनव सिंघल के अपहरण और जबरन वसूली के साल 2020 के मामले में 7 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। उन्हें जौनपुर जिला जेल में रखा गया था और बाद में बरेली जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछली 27 अप्रैल को सिंह को जमानत दे दी थी, लेकिन जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सात साल के कारावास की सजा को निलंबित करने या स्थगित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
'साल 2020 में एक फर्जी मामला दर्ज किया गया था....'
धनंजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि जौनपुर जिले में नमामि गंगे परियोजना में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए साल 2020 में उनके खिलाफ एक फर्जी मामला दर्ज किया गया था। सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, लेकिन वह चुनाव नहीं लड़ सकते। उनकी पत्नी श्रीकला रेड्डी बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार के रूप में जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को जौनपुर मैदान में उतारा है, जबकि समाजवादी पार्टी ने एनआरएचएम घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। साल 2009-2014 के बीच बसपा सांसद रहे सिंह ने कहा कि जेल से रिहा होने के बाद वह जौनपुर जाएंगे और उन्होंने अपनी पत्नी को चुनाव के लिए शुभकामनाएं दीं। जौनपुर में लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।