Edited By Pooja Gill,Updated: 22 Oct, 2022 01:47 PM

दीपावली के इस शुभ अवसर पर लोगों के घरों को रोशन करने में अब मेरठ के कैदी भी अपना सहयोग दे रहे है। दरअसल, इन दिनों चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में कैदियों द्वारा दीये बनाने के लिए एक चक्की चलाई...
मेरठ: दीपावली के इस शुभ अवसर पर लोगों के घरों को रोशन करने में अब मेरठ के कैदी भी अपना सहयोग दे रहे है। दरअसल, इन दिनों चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में कैदियों द्वारा दीये बनाने के लिए एक चक्की चलाई जा रही है, जो काफी चर्चा में है। इस चक्की के जरिए कैदी गोबर, मुल्तानी मिट्टी एवं गोंद को मिक्स कर पीस रहे है और फिर उससे दीये तैयार कर रहे है।
बता दें कि जिला कारागार में कैदी दीपावली के अवसर पर गोबर, मुल्तानी मिट्टी एवं गोंद को मिक्स कर आटे की चक्की के माध्यम से पीस कर दीया बनाने में लगे हुए हैं। पहले बंदी आटे की चक्की में मुल्तानी मिट्टी और गाय के सूखे हुए गोबर व गोद को मिलाकर डालते हैं, जिसके बाद उसका पाउडर बनता है। उस पाउडर के माध्यम से एक सांचे में डाला जाता है, जिसके बाद दीया बनाए जाते हैं। जब दीए सूख जाते हैं तो उसमें विभिन्न प्रकार के कलर किए जाते हैं, जिससे बाद ये दीपक काफी आकर्षक दिखाई देने लगते हैं। ऐसे कैदी ईको-फ्रेंडली दीये तैयार कर रहे है।
कैदियों द्वारा LED बल्ब भी किए जा रहे तैयार
जेल में ही बंदियों द्वारा दीये बनाने के साथ-साथ एलईडी बल्ब की आकर्षक झालर भी तैयार की जा रही है। जिसके लिए उन्हें विशेष रूप से 2 महीने पहले ट्रेनिंग दी गई थी। उस ट्रेनिंग के बाद ही पुरुष व महिला बंदी बड़ी संख्या में जेल के अंदर ही बैठकर झालर व दीपक बना रहे हैं। हालांकि पूरे कार्य की अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग भी की जाती है।

मुख्यालय के आउटलेट पर रखे जाएगे दीये
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि, झालर व दीयों को मुख्यालय के आउटलेट पर रखा जाएगा। जहां से इन झालर व दीयों की बिक्री होगी। उसके बाद जो भी झालर व दीयों का पैसा मिलेगा। वह इन बंदियों के खाते में भेजा जाएगा। ऐसे में कैदियों द्वारा बनाए गए दीयों से लोगों के घर रोशन होंगे।