Edited By Mamta Yadav,Updated: 12 Apr, 2023 10:08 PM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) नगर पालिका (Municipality) के एक कर्मचारी (Employee) को एक जीवित व्यक्ति (living person) को सरकारी कागजों (Official papers) में मृत दर्शाकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र (Death certificate) जारी करने के...
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) नगर पालिका (Municipality) के एक कर्मचारी (Employee) को एक जीवित व्यक्ति (living person) को सरकारी कागजों (Official papers) में मृत दर्शाकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र (Death certificate) जारी करने के मामले में बुधवार को निलंबित (Suspended) कर दिया गया।

पीलीभीत नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पूजा त्रिपाठी ने बताया कि पीलीभीत शहर के मोहल्ला बशीर खां के रहने वाले नईम के परिवार की ओर से नगर पालिका में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अप्रैल 2017 में आवेदन किया गया था। नगर पालिका में बेलदार के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी नूर बानो ने इस मामले में गवाह के रूप में एक शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया था, जिसमें नईम की मौत 22 मार्च 2017 को होने की बात कही गई थी और इसी हलफनामे के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सदर तहसील द्वारा कराई गई जांच में पता चला कि दस्तावेजों में मृत दिखाया गया नईम दरअसल पिछले सात सालों से देहरादून में रहकर नौकरी कर रहा है।

अधिशासी अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में शपथ पत्र देने वाली कर्मचारी नूर बानो को नोटिस जारी करते हुए लिखित स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि इस पर उसे आज निलंबित कर दिया गया और नईम का मृत्यु प्रमाण पत्र भी निरस्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदनकर्ता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।