Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Jun, 2024 12:57 PM
![darul uloom issued advisory said muslims will not offer namaz](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_12_56_522798103unnamed-ll.jpg)
ईद उल अजहा यानी बकरीद इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है। इस साल बकरीद 17 जून को मनाया जाएगा। इस्लाम ...
लखनऊ: ईद उल अजहा यानी बकरीद इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है। इस साल बकरीद 17 जून को मनाया जाएगा। इस्लाम धर्म में इस दिन बकरा की कुर्बानी देने की परंपरा है। बक़रीद पर देश भर के मुसलमानों के लिए एडवाइजरी जारी हुई। दारुल उलूम फरंगी महल ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि सड़कों पर मुसलमान नमाज़ नहीं पढ़ेंगे। फरंगी महल ने कहा कि प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी मुसलमान नहीं करेंगे। क़ुर्बानी की वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर ना डालने की अपील की गई है। कहा गया है कि पब्लिक प्लेस पर कुर्बानी न की जाए।
वहीं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने निर्देश दिए कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही होना चाहिए। इसके अतिरिक्त कहीं और कुर्बानी न हो। विवादित/संवेदनशील स्थलों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के निस्तारण की व्यवस्थित कार्ययोजना होनी चाहिए।
योगी ने कहा कि नमाज परंपरानुसार एक निर्धारित स्थल पर ही हों। सड़क मार्ग अवरुद्ध कर नमाज की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। आस्था का सम्मान करें किंतु किसी नई परंपरा को प्रोत्साहन न दें। वीडियोग्राफी कराएं, ड्रोन का इस्तेमाल किया जाए। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। यदि कोई भी कानून हाथ में लेने का प्रयास करे, अराजक तत्वों पर नजर रखें, यदि कोई शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास करता मिले तो उसके साथ पूरी कड़ाई की जाए।