Edited By Pooja Gill,Updated: 10 Sep, 2024 04:38 PM
CM Yogi News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि देश-दुनिया की चिंता का सबसे बड़ा विषय जलवायु परिवर्तन है और अनियंत्रित व अनियोजित विकास मानवता के सामने संकट खड़ा कर चुका है। उन्होंने कहा कि असमय बारिश, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि हो रही है। एक...
CM Yogi News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि देश-दुनिया की चिंता का सबसे बड़ा विषय जलवायु परिवर्तन है और अनियंत्रित व अनियोजित विकास मानवता के सामने संकट खड़ा कर चुका है। उन्होंने कहा कि असमय बारिश, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि हो रही है। एक ही समय पर कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ आई है। कहीं अतिवृष्टि तो कहीं लोग एक बूंद जल के लिए तरस रहे हैं। दोनों नुकसानदायी है। आज हम सब जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के भुक्तभोगी हैं। नवनियुक्त वन व वन्य जीव रक्षक यदि ईमानदारी से कार्य करेंगे तो जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव कम करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।
'वन के दायरे कम होने से मानव-वन्यजीव संघर्ष की नौबत आती है'
सीएम योगी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के सामने सबसे बड़ा चैलेंज घटते जंगलों, वनाच्छादन, अनियंत्रित, अनियोजित विकास, प्लास्टिक का बेतरतीब उपयोग है। ऐसी वस्तुओं का उपयोग पर्यावरण के लिए घातक हो सकता है। इन पर लगाम लगाने के बावजूद किसी न किसी स्तर पर इसका दुरुपयोग होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में किसी भी सीजन में जंगलों के बीच से धुआं उठाई देता है। जंगल जलेंगे तो पर्यावरण को नुकसान व भूस्खलन होगा। असमय जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों का सामना न केवल वन्यजीवों, बल्कि मानवों को भी करना पड़ेगा। वन के दायरे कम होने के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की नौबत आती है।
हम प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर पौधरोपण करते हैंः योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े सात वर्ष पहले हमने तय किया कि वनाच्छादन बढ़ाना है। इसके लिए प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर पौधरोपण करते हैं। 210 करोड़ वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी पूरा किया। 2028-29 तक 15 फीसदी वनाच्छादन का लक्ष्य है। हम पौधरोपण करते हैं, लेकिन इसे बचाने की जिम्मेदारी जनसहभागिता से होती है। साढ़े सात वर्ष में इसके अच्छे परिणाम आए हैं। अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इसकी सराहना की है। किसानों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण के बाद 647 वन्य रक्षकों पर बड़ी जिम्मेदारी आने वाली है। योगी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जनसहभागिता के साथ जुड़ते हुए बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकता है। जल की बेहतरीन स्रोत अधिकांश नदियों का अस्तित्व खतरे में दिखाई देता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पवित्रतम गंगा नदी को अविरल व निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। जनसहभागिता के साथ इस कार्यक्रम को बढ़ाना है।