Edited By Mamta Yadav,Updated: 15 Sep, 2023 03:36 PM

कहते है हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम हैं, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा... जी हां औेर इसी कहावत को सच करके दिखाया है प्रयागराज में देशभर से आए सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित बच्चों ने। बच्चों ने ऐसी कला का हुनर दिखाया कि आप भी दांतों तले...
Prayagraj News, (सैय्यद रजा): कहते है हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम हैं, जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा... जी हां औेर इसी कहावत को सच करके दिखाया है प्रयागराज में देशभर से आए सेरेब्रल पाल्सी पीड़ित बच्चों ने। बच्चों ने ऐसी कला का हुनर दिखाया कि आप भी दांतों तले उंगली दबा लेंगे।

प्रयागराज के कर्नलगंज इंटर कॉलेज में सेरेब्रल पॉलिसी से प्रभावित बच्चों के द्वारा हस्तशिल्प कला की एक प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें बच्चों और उनके अभिभावकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रदर्शनी में बच्चों द्वारा पेपर, स्टिक एवं मिट्टी की सहायता से विभिन्न तरह की कलाकृतियां एवं सामान बनाया और सीखा, जैसे- पेपर से बने खिलौने, फल-फूल, पतंग, मुखौटे, जानवर एवं मिट्टी से बनी मुर्तिया। यह प्रदर्शनी कई मायनो में अनोखी है क्योकि सेरेब्रल पाल्सी बच्चों में आम तौर पर चलना, बैठना एवं हाथ से किसी भी प्रकार का काम करना कठिन लगभग असंभव सा होता है। इतनी कठिनाइयों के बाद भी इन बच्चों द्वारा इतने सुन्दर खिलौने, मुखौटे एवं मुर्तिया बनवाना सच में एक अनोखी बात है और इसी चीज़ को देखने के लिए प्रदर्शनी में काफी संख्या में लोग एकत्रित हुए।

प्रदर्शनी देखने आएं लोगों ने भी इस अवसर का खूब लुफ्त उठाया
बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्बंधित प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतियोगियों के साथ-साथ प्रदर्शनी देखने आएं लोगों ने भी इस अवसर का खूब लुफ्त उठाया एवं बच्चों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को देख कर उनकी काफी प्रसंशा भी की। आयोजक और मशहूर डॉक्टर जितेंद्र जैन का कहना है कि इस तरह के आयोजन से बच्चों के हाथों और मस्तिष्क पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा और इन बच्चों के हाथों की कार्यप्रणाली पर लम्बे समय तक बहुत प्रभाव डालेगा। हालांकि इस तरह के कार्यक्रम से अभिभावकों, विशेष शिक्षकों एवं थेरेपिस्टों को भी काफी कुछ सिखने का मौका मिला।गौरतलब है कि इन दिनों प्रयागराज में सेरेब्ल पॉलिसी पीड़ित बच्चों का कुंभ देखने को मिल रहा है ,लेकिन इस तरह के आयोजन से यह कहना गलत नहीं होगा कि बच्चों के विकास में मजबूती जरूर मिल रही है।