सावधानः मोबाइल की लत से बच्चों को भी सर्वाइकल पेन, ऑटिज्म का भी बढ़ता जा रहा खतरा

Edited By Ajay kumar,Updated: 21 May, 2024 03:43 PM

children also get cervical pain due to mobile addiction

अगर आप भी बच्चों को खाना खिलाने या रोने पर चुप कराने या मनोरंजन के लिए मोबाइल फोन देते हैं तो सावधान हो जाइये। मोबाइल के अधिक प्रयोग से उनका बचपना तो खो ही रहा है वे कई प्रकार की बीमारियों से भी ग्रस्त हो रहे हैं। मोबाइल की लत से बच्चे सर्वाइकल की...

कानपुर: अगर आप भी बच्चों को खाना खिलाने या रोने पर चुप कराने या मनोरंजन के लिए मोबाइल फोन देते हैं तो सावधान हो जाइये। मोबाइल के अधिक प्रयोग से उनका बचपना तो खो ही रहा है वे कई प्रकार की बीमारियों से भी ग्रस्त हो रहे हैं। मोबाइल की लत से बच्चे सर्वाइकल की समस्या से ग्रस्त हो रहे हैं। उनमे ऑटिज्म का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

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सर्वाइकल के साथ ऑटिज्म का खतरा भी बढ़ता जा रहा
मोबाइल की लत से कई युवाओं को झुककर चलने की आदत हो गई है। वहीं, बच्चों में याददाश्त कमजोर होने, ध्यान लगाने में कमी, नाम पुकारने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न देना और सर्वाइकल की समस्या होने लगी है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग और न्यूरो साइंस विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन सर्वाइकल और आटिज्म से पीड़ित छह से सात बच्चे पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इसका मुख्य कारण कई घंटों तक मोबाइल का इस्तेमाल करना है। साथ ही प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम युक्त भोजन की कमी इसका कारण है। न्यूरो विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि मोबाइल की लत से बच्चों में कई प्रकार की बीमारियां देखी जा रही हैं, जिसमे सर्वाइकल की समस्या भी शामिल है। यह बीमारी अभी तक 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन बचपन में ही यह कि समस्या होना चिंता की बात है।

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90 फीसदी अभिभावकों को नहीं पता चलती बीमारी
विभागाध्यक्ष प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन छह से सात अभिभावक बच्चे को लेकर सलाह लेने भी आते हैं। इसमें गंभीर बात यह है कि मोबाइल की लत से होने वाली बीमारियों की जानकारी सिर्फ 10 प्रतिशत अभिभावकों को होती है। 90 फीसदी अभिभावकों को बच्चों में होने वाली इन बीमारियों का आभास तक नहीं हो पाता है, जिसके बाद बच्चों में समस्या बढ़ती जाती है। प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि मोबाइल का अधिक इस्तेमाल और एक ही पोजीशन में कई घंटे तक बैठकर मोबाइल चलाने या देखने से रीढ़ की हड्डी यानी स्पाइन पर भी काफी असर पड़ता है।

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