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व्यापारिक फर्मों पर करोड़ों रूपये टैक्स चोरी का आरोप, IncomeTax की रडार पर कई ठेकेदार

Edited By Ramkesh,Updated: 08 Feb, 2025 08:12 PM

business firms accused of tax evasion of crores of rupees

राज्यकर विभाग ने महोबा में बड़े टैक्स घोटाले का पर्दाफाश किया है। विभागीय जांच में सामने आया कि कई व्यापारिक फर्मों ने फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की घटना को अंजाम दिया है। पांच फर्मों ने लगभग 17  से 18 करोड़ की फर्जी बिलिंग कर...

महोबा (अमित श्रोतीय ): राज्यकर विभाग ने महोबा में बड़े टैक्स घोटाले का पर्दाफाश किया है। विभागीय जांच में सामने आया कि कई व्यापारिक फर्मों ने फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की घटना को अंजाम दिया है। पांच फर्मों ने लगभग 17  से 18 करोड़ की फर्जी बिलिंग कर ठेकेदारों से सांठगांठ कर सरकार को करोड़ों रुपए के जीएसटी कर का चूना लगा दिया है। इस मामले में अतुलबाबू, पीतांबरा सप्लायर्स, प्रेम बिल्डिंग सप्लायर्स और कामदगिरि ट्रेडर्स सहित कई प्रमुख फर्मों के नाम सामने आए हैं। वहीं जब इन फर्मों ने खरीद ही नहीं की तो ठेकदारों ने इन फर्मों से कैसे समान खरीदा और बिल बनावा लिए। इस पूरे टैक्स घोटाले में फर्जी बिल वाउचर का एक बड़ा नेटवर्क सामने आने से व्यापारियों में हड़कम्प मच गया।

बिक्री का आंकड़ा हजारों लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में पहुंचा
जिले में फर्जी रियल्टी के बाद और करोड़ों रूपये के टैक्स घोटाले की परतें राज्य कर और केंद्रीय कर विभाग के सामने उस समय आया जब जिले में कई व्यापारिक फर्मों बिना समान की खरीद के ही कागजों में बिक्री कर रही थी यह बिक्री का आंकड़ा हजारों लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में पहुंचा तो राज्यकर विभाग की जांच में पता चला कि इन फर्मों ने बिना किसी वास्तविक खरीद के बिना स्टॉक  रहते माल की बिक्री फर्जी बिल से काट दिए।

ठेकेदारों से सांठगांठ कर करोड़ो की जीएसटी चोरी का अरोप 
विभाग के अनुसार पांच फर्मों की जांच में  लगभग 17  से 18 करोड़ की फर्जी बिलिंग कर ठेकेदारों से सांठगांठ कर करोड़ो का जीएसटी कर का चुना लगा दिया है। विभागीय जांच में पाया गया कि जिन ठेकेदारों ने फर्जी बिल बिना माल के लेकर जीएसटी का लाभ लिया तो विभाग ने उन बिलों की जांच की पाया कि बिल काटने वाली पंजीकृत फर्मों ने काटे गए करोड़ों के बिलों का जीएसटी जमा ही नहीं किया तथा खरीद भी नहीं दिखाई । इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने जिले के कई नामी ठेकेदारों को बिल बनाकर के दे दिए।

दोषी फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने निर्णय

सत्ता पक्ष से जुड़े शहर के बड़े ठेकेदारों ने भी इन फर्मों के साथ मिलकर बिना माल खरीदे बिल प्राप्त किए  जो एक बड़ा सवाल भी है कि जिले में खरीद और बिक्री को लेकर कितना बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है । इन ठेकेदारों ने करोड़ों का चूना विभाग को लगाने में उन फर्मों की मदद की है।  उपायुक्त राज्यकर नीरज सेंगर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी फर्मों को ब्लैक लिस्ट करने का निर्णय लिया है। विभाग ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। यह घोटाला राज्य के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहा था। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच में और भी कई फर्मों के नाम सामने आ सकते हैं। उधर मामले की जांच एसपी पलाश बंसल ने कुलपहाड़ सीओ हर्षिता गंगवार को सौंपी है सीओ का कहना है मामले की सघन जांच की जा रही है कि कितने का घोटाला फर्जी बिलों से किया गया है।

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