Edited By Pooja Gill,Updated: 25 Dec, 2023 08:56 AM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में स्थायित्व कैसे होना चाहिए और स्थिर सरकारें देश के लिए किस प्रकार उपयोगी होती हैं, इसकी शुरुआत भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में स्थायित्व कैसे होना चाहिए और स्थिर सरकारें देश के लिए किस प्रकार उपयोगी होती हैं, इसकी शुरुआत भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1998 से की। वही परंपरा आज भी चल रही है। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘अटल गीत गंगा' कार्यक्रम के अवसर पर कहा, ‘‘वाजपेयी राजनीति के ऐसे अजातशत्रु थे, जिनमें सम और विषम दोनों परिस्थितियों में कार्य करने की अद्भुत क्षमता थी। उनका व्यक्तित्व ऐसा था, जो घरेलू व वैश्विक मोर्चे पर सफलतापूर्वक अपनी राह बनाता गया।

वाजपेयी ने राजनीति में मूल्यों व आदर्शों की स्थापना कीः योगी
सीएम योगी ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री ने राजनीति में मूल्यों व आदर्शों की स्थापना की। भारत की राजनीति में स्थायित्व कैसे होना चाहिए तथा स्थिर सरकारें देश के लिए किस प्रकार उपयोगी होती हैं, इसकी शुरुआत अटल जी ने वर्ष 1998 से की। वही परंपरा आज भी चल रही है। मूल्यों और आदर्शों के साथ प्रतिबद्धता से जनता-जनार्दन की सेवा की जा सकती है और भारत में विकास के बड़े-बड़े कार्यक्रमों को लागू किया जा सकता है, यह अटल जी ने अपने जीवन में करके दिखाया। उन्होंने भारतीय राजनीति को दिशा दी। उन्हें राजनीति का लम्बा अनुभव था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ मिलकर उन्होंने भारत की भावी राजनीति की रूपरेखा तैयार की थी। वाजपेयी ने सफलतापूर्वक इसकी आधारशिला रखी।

विश्वविद्यालयों में वाजपेयी पर शोध होना चाहिएः CM Yogi
मुख्यमंत्री ने कहा, वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसी आधारशिला पर नये भारत के भव्य भवन का नया स्वरूप हम सभी देशवासी देख रहे हैं। प्रदेश सरकार ग्राम पंचायत, विकास खंड, विधानसभा, मंडल तथा राज्य स्तर पर वाजपेयी की जयंती के शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों को भव्यता से आयोजित कराएगी। इसके माध्यम से स्थानीय लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा तथा छिपी हुई प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान किया जाएगा। गांव से लेकर प्रदेश स्तर पर अटल जी की स्मृति में कवि सम्मेलन प्रारम्भ होने चाहिए। विश्वविद्यालयों में वाजपेयी पर शोध होना चाहिए।