Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Apr, 2025 07:31 AM

Aligarh News: उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के छर्रा थाना इलाके में एक कुत्ते के काटने के 45 दिन बाद 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मामला नत्थू गांव का है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को गांव...
Aligarh News: उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के छर्रा थाना इलाके में एक कुत्ते के काटने के 45 दिन बाद 3 साल के बच्चे की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मामला नत्थू गांव का है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को गांव के पास एक निजी अस्पताल में अंशु (3) की रेबीज के असर से मौत हो गई।
कुत्ते के काटने के 45 दिन बाद 3 साल के बच्चे की मौत
मिली जानकारी के मुताबिक, अंशु की मौत की खबर के बाद जब स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम गांव पहुंची तो यह बात सामने आई कि जिस दिन अंशु को कुत्ते ने काटा था, उसी दिन 10 अन्य बच्चों पर भी उसी कुत्ते ने हमला किया था। जांच में चिकित्सा दल ने पाया कि 2 से 12 साल की उम्र के 10 अन्य बच्चों में से किसी ने भी कुत्ते के काटे जाने के बाद कोई चिकित्सा उपचार नहीं लिया था। अंशु के परिवार के अनुसार उसकी मौत से कुछ दिन पहले उसमें 'हाइड्रोफोबिया' जैसे अजीब लक्षण दिखने लगे थे जो रेबीज के प्रभाव का संकेत देते हैं।
जानिए, क्या कहना है जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी का?
अलीगढ़ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नीरज त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि हमने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और एंटी-रेबीज टीका लगाने जैसे सभी निवारक कदमों के लिए अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, सीएमओ ने स्पष्ट किया कि अंशु की मौत के कारण के रूप में रेबीज की पुष्टि नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि घटना के बाद कुत्ते को मार दिया गया इसलिए हम कुत्ते पर परीक्षण नहीं कर सके। इसी तरह, हम बच्चे की मौत से पहले उसकी जांच नहीं कर पाए और इसीलिए किसी भी निदान की पुष्टि नहीं कर सकते। डॉ. त्यागी ने लोगों को आश्वस्त किया कि सरकारी अस्पतालों में इस खतरे से निपटने के लिए एंटी-रेबीज टीके का पर्याप्त भंडार है।