Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 15 Sep, 2020 08:07 PM
केरल में गर्भवती हथिनी के साथ हुए क्रूरता को भला कौन भूल सकता है। देश के साथ ही विश्व भर को इस वारदात ने झकझोर कर रख दिया था। इस घटना को लेकर
यूपी डेस्कः केरल में गर्भवती हथिनी के साथ हुए क्रूरता को भला कौन भूल सकता है। देश के साथ ही विश्व भर को इस वारदात ने झकझोर कर रख दिया था। इस घटना को लेकर देश भर की जानी मानी शख्सियतों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। वहीं इस घटना को लेकर याचिकाकर्ता गौरव तिवारी ने कनाडा से केरल हाईकोर्ट में PIL दायर की थी।
बता दें कि इसके बाद केरल हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है। जिसमें राज्य सरकार को जंगलों के अंदर पानी के कुंड और चेकडैम की स्थापना सहित कई इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि जंगली जानवरों को मानव बस्तियों में जाने से रोका जा सके।
याचिकाकर्ता गौरव तिवारी ने कहा कि भारत में जानवरों को भगवान के रुप में पूजा जाता है इसके बावजूद ऐसी शर्मनाक घटना घटी जिससे पूरी इंसानियत शर्मसार हो गई। उन्होंने कहा गर्भवती हथिनी के साथ हुई घटना ने उनको झकझोर दिया था। इस घटना के बाद हथिनी उनके सपनों में कई बार आई और उसने इंसाफ की गुहार लगाई। जिसके बाद उन्होंने PIL दाखिल करने का फैसला किया।
1. सभी सरकार को जंगली-जीवन और मानव-निवास के बीच सीमांकन के साथ एक जंगली-जीवन अभयारण्य बनाना चाहिए।
2. भारतीय दंड संहिता के तहत जंगली जानवरों की किसी भी हत्या को मानव हत्या के समान माना जाना चाहिए। दोनों के लिए समान सजा हो।
3. कोई भी कानून जो केरल में किसानों द्वारा आग-पटाखे या जाल का उपयोग करके अपनी फसल को बचाने के लिए जंगली जानवरों को मारने की अनुमति देता है, इसे निरस्त किया जाना चाहिए और उचित सजा तय होनी चाहिए।
5 उन क्षेत्रों के शीर्ष एसएसपी, डीएफओ और जिला पशु चिकित्सा अधिकारी जहां हाल ही में मादा-हाथी का उनकी उपेक्षा के कारण निधन हो गया। उन्हें सजा देने की जरूरत है।
6. स्पेशल विंग केरला पुलिस में वाइल्ड लाइफ को आगे बढ़ाने और वन्य-जीवन हत्याओं के आपराधिक मुकदमों को तेजी से ट्रैक करने की जरूरत है।