Edited By prachi,Updated: 17 Jul, 2019 01:28 PM

बिहार की राज्य सरकार ने जिला पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरएसएस और इसके पदाधिकारियों के साथ राज्य में संघ के साथ जुड़े संगठनों की गतिविधियों की सूचनाएं एकत्रित करें। 28 मई को पटना के डीएसपी को जारी एक पत्र में एसपी ने अधिकारियों से कहा कि...
पटनाः बिहार की राज्य सरकार ने जिला पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरएसएस और इसके पदाधिकारियों के साथ राज्य में संघ के साथ जुड़े संगठनों की गतिविधियों की सूचनाएं एकत्रित करें। 28 मई को पटना के डीएसपी को जारी एक पत्र में एसपी ने अधिकारियों से कहा कि वे आरएसएस और इनसे जुड़े 18 अन्य संगठनों के पदाधिकारियों की निगरानी रखें और इनकी गतिविधियों से संबंधित सूचना एकत्रित करें। राजग गठबंधन में जदयू और भाजपा के बीच मतभेद की कथित खबरों के बीच यह घटनाक्रम हुआ है।
इस आदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण सम्नयव समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम, पता और व्यवसाय के संबंध में जानकारी मांगी गई है।
ये पत्र 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामों के पांच दिन बाद लिखा गया। चुनाव नतीजों में देश भर में भाजपा और राजग को भारी बहुमत मिला था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिनके पास गृह मंत्रालय भी है ने विशेष जांच से कहा है कि वे इस काम को विश्वसनीय रूप से करें। वहीं अब इस मामले पर बिहार सरकार के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। भाजपा नेता संजय पासवान ने कहा कि बिहार की पुलिस के द्वारा संघ के लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का आदेश जारी करना काफी गंभीर मुद्दा है। वहीं इस मुद्दे को लेकर विपक्ष को जदयू और भाजपा पर निशाना साधने का एक और मौका मिल गया है।