Edited By Pooja Gill,Updated: 29 Sep, 2024 10:42 AM
UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने संपत्ति का विवरण ना देने वाले कर्मियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए है। पावर कार्पोरेशन और विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत 7572 अभियंताओं और अन्य कर्मियों ने...
UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने संपत्ति का विवरण ना देने वाले कर्मियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए है। पावर कार्पोरेशन और विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत 7572 अभियंताओं और अन्य कर्मियों ने अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। इस पर प्रबंधन ने सख्त कदम उठाते हुए निर्देश दिया है कि जब तक ये कर्मचारी अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा नहीं देंगे, तब तक उनका वेतन रोका जाएगा।
15 अगस्त तक अपलोड करनी थी संपत्ति की डिटेल
बता दें कि पावर कार्पोरेशन व विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत अभियंता चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा देने से कतराते रहते हैं। उन्हें डर रहता है कि कहीं संपत्ति का ब्यौरा सही दे दिया तो उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू हो सकती है। ऐसे में वे विभागीय निर्देश के बाद भी ब्यौरा देने में आनाकानी करते रहते हैं। यही वजह है कि संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कारपोरेशन प्रबंधन ने 19 जनवरी को ही निर्देश दिया था। प्रबंधन ने कहा था कि सभी कर्मचारी 15 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा निगमों के ईआरपी पोर्टल पर अपलोड कर दें। इसके बाद भी 7572 कार्मिकों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। इसलिए अब उनका सितंबर महीने का वेतन रोक दिया गया है। इसके लिए सभी विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों और निदेशक (कार्मिक) को निर्देश दिया है।
30 सितंबर तक देना होगा ब्यौरा
जानकारी के मुताबिक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम 3033, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 1674, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 1669, दक्षिणांचल, विद्युत वितरण निगम 981, पावर कारपोरेशन मुख्यालय 170, कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी 45 कार्मिकों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। निकाय कर्मियों को भी चल अचल संपत्ति का पूर्ण विवरण देने के निर्देश दिया गया है। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने सभी नगर आयुक्तों को निर्देश दिया। 30 सितंबर तक प्रदेश भर के सभी कर्मचारियों अधिकारियों को संपत्ति का विवरण देना है।