Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 19 Jan, 2020 04:49 PM
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद आज रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। खुले आसमान के नीचे पिछले शुक्रवार से बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के...
लखनऊः संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद आज रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। खुले आसमान के नीचे पिछले शुक्रवार से बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं। उनके साथ बच्चे भी हैं। इस बीच, धरना दे रही महिलाओं ने आरोप लगाया कि काफी सर्दी होने के बावजूद पुलिस ने देर रात उनके कंबल छीन लिये।
हालांकि पुलिस ने एक बयान जारी कर इस पर सफाई दी है। पुलिस का कहना है कि कुछ सामाजिक संगठन इन महिलाओं को कंबल दे रहे थे तभी बड़ी संख्या में अन्य लोग जो इस धरने में शामिल नहीं थे, वे भी कंबल लेने के लिए वहां पहुंच गए। भीड़ और अफरातफरी को रोकने के लिए उन्होंने वहां से कंबल हटवाए हैं। बहरहाल, प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है तब तक वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगी।
महिलाओं के धरने को सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है। शनिवार रात सिख समुदाय के कुछ लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर महिलाओं को खाने पीने का सामान दिया। उन्होंने कहा कि सीएए के दायरे से जिस तरह से मुसलमानों को बाहर रखा गया वह देश की गंगा जमुनी तहजीब के खिलाफ है, लिहाजा वह इन महिलाओं का समर्थन करते हैं। हालात के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। महिलाओं ने शनिवार रात पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल भेंट कर अनूठे तरीके से प्रदर्शन किया।