Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 May, 2020 02:28 PM
महाराष्ट्र के अंदर आज 16 मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन हापुड़ के अंदर भी अपनी मौत की परवाह किए बिना ही मजदूरों के दर्जनों परिवार रेलवे ट्रैक के सहारे पर चलने के लिए मजबूर हैं। हरियाणा, राजस्थान,पंजाब आदि से मजदूर...
हापुड़: महाराष्ट्र के अंदर आज 16 मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन हापुड़ के अंदर भी अपनी मौत की परवाह किए बिना ही मजदूरों के दर्जनों परिवार रेलवे ट्रैक के सहारे पर चलने के लिए मजबूर हैं। हरियाणा, राजस्थान,पंजाब आदि से मजदूर रेलवे ट्रैक के सहारे चलकर अपने-अपने घरों उत्तराखंड,यूपी,बिहार के लिए वापस लौट रहे हैं। प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद दिहाड़ी मजदूरों के जाने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भूखे प्यासे कई दिनों से पैदल चलते-चलते मजदूरों व उनके छोटे-छोटे मासूम बच्चों के पैरों में छाले भी पड़ गए हैं।
जानकारी मुताबिक मामला दिल्ली से महज 60 किलोमीटर दूर जनपद हापुड़ का है। यहां एक मजदूर परिवार के लोगों को हरियाणा से उत्तराखंड के रुद्रपुर जाना है, लेकिन परिवार के पास ना तो खाने के लिए पैसे हैं ना जाने के लिए कोई साधन। लेकिन ये लोग 4 दिनों से लगातार पैदल ही चल रहे हैं। हरियाणा से हापुड़ तक का सफर इस परिवार ने रेलवे ट्रैक के सहारे 4 दिनों में पूरा किया है। इस मजदूर परिवार ने ना तो 2 दिनों से कुछ खाया है और ना ही रास्ते में खाने को कुछ मिला है। ये लोग बस बिस्किट और पानी से ही मासूम बच्चों का पेट भर रहे हैं।
इस परिवार ने बताया कि हरियाणा के अंदर हम मजदूरी किया करते हैं, लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है हमारी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई है। हमारी किसी ने कोई मदद नहीं की है और जब हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा तो हमें अपने परिवार की भूख से मरने की चिंता सताने लगी। इसलिए अब हम अपने गांव वापस जा रहे हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के अंदर देर रात रेलवे पटरी के पास करीब 16 मजदूर आराम कर रहे थे, लेकिन उनको यह पता नहीं था वे कि जिंदगी से अपना हाथ धो बैठेंगे। लेकिन ऐसे ही बहुत मजदूर परिवार है जो रेलवे ट्रैक के सहारे पैदल जाने को मजबूर है।