Edited By Mamta Yadav,Updated: 20 Sep, 2024 11:10 PM
तीर्थराज प्रयाग के साधु-संतों ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में भगवान को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किये जाने वाला प्रसाद “लड्डू” जानवरों की चर्बी और मछली के तेल से बने होने की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए इसे...
Prayagraj News: तीर्थराज प्रयाग के साधु-संतों ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में भगवान को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित किये जाने वाला प्रसाद “लड्डू” जानवरों की चर्बी और मछली के तेल से बने होने की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए इसे करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने का घिनौना कृत्य बताया है।
महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में चढ़ने वाले लड्डू प्रसाद में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाना धार्मिक रूप से घिनौना और घृणित कृत्य है। इस तरह के बर्ताव को अब साधु संत कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह कोई साधारण घटना नहीं हैं बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने वाली है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए और दोषी को कड़े से कड़ा दंड मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल्द ही अखाड़ा परिषद की बैठक में संत समाज इस गंभीर मामले पर विचार करेगा और गृहमंत्री को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। श्रीमहंत ने कहा कि सीबीआई जांच कर इस षड्यंत्र में शामिल सभी लोगों के चेहरे समाज के सामने लाए जाएं। जांच में जो भी दोषी पाया जाए। उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि तिरूपति बालाजी देवस्थानम् बोर्ड को तुरंत भंग किया जाए। धार्मिक संस्थानों में आध्यात्मिक व्यक्ति, संत और भगवान पर आस्था रखने वाले व्यक्तियों को ही शामिल किया जाना चाहिए। जिससे कोई भी इस प्रकार का कृत्य करने का साहस ना कर सके।