Edited By Imran,Updated: 17 Dec, 2024 05:31 PM
साल 2019 में अयोध्या में चल रहे बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था और वहां पर राम मंदिर बनाने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही यह भी नारा गुंजने लगा था कि अयोध्या तो झांकी है मथुरा काशी बाकी है, लेकिन केवल मथुरा काशी ही...
साल 2019 में अयोध्या में चल रहे बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था और वहां पर राम मंदिर बनाने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही यह भी नारा गुंजने लगा था कि अयोध्या तो झांकी है मथुरा काशी बाकी है, लेकिन केवल मथुरा काशी ही नहीं बाकी है। जब इसके तह में घुसा गया...मीडिया रिपोर्ट से छानबीन की गई तो पता चला कि अयोध्या फैसले के बाद देश में मंदिर मस्जिद के कुल 16 मामले आ गए...फिलहाल इसमें हम काशी विश्वनाथ को छोड़कर आपको यूपी के टॉप 5 मामलों के बारे में बताएंगे।
- जामा मस्जिद VS हरिहर मंदिर
1. सबसे पहले नं पर जामा मस्जिद संभल के बारे में देख लीजिए...ये वहीं संभल है...वहीं, मस्जिद विवाद है जिसके लिए हिंसा हुई थी और 5 युवाओं की मौत हो गई थी। अभी वहां से मंदिर मिल रहे हैं...कुएं से मूर्तियां निकल रही है। यहीं के जामा मस्जिद पर दावा किया गया है कि यह मस्जिद श्री हरिहर मंदिर को तोड़कर बनवाई गई है। कोर्ट ने सर्वे का आदेश भी दिया जब सर्वे करने के लिए टीम गई तो मुस्लिम वर्ग नाराज हो गए...विरोध करने लगे, देखते ही देखते हिंसा हो गई...इसमें 5 लोगों की मौत गई । गोली किसने मारी अभी इसकी भी जांच की जा रही है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
शाही ईदगाह मस्जिद VS श्री कृष्ण जन्मस्थान
2. दूसरे नं पर आता है शाही इदगाह मस्जिद...ये यूपी के मथुरा में स्थित है...2022 में दावा किया गया कि इसे श्री कृष्ण के जन्मस्थल पर बनवाया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सर्वे के लिए कोर्ट कमीश्नर भी नियुक्त किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। अभी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में लगभग 18 याचिकाएं दायर की गई है।
शम्सी जामा मस्जिद VS नीलकंठ महादेव मंदिर
3. तीसरा है शम्सी जामा मस्जिद ये प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित है। यह मंदिर भी काफी चर्चा का विषय बना हुआ है...13वीं सदी में श्मसुद्दीन इल्तुतमिश ने इसे बनवाया था। इस मस्जिद पर भी 2022 में दावा ठोक दिया गया कि इसके नीचे नीलकंठ महादेव का मंदिर है। मंदिर को तोड़ने के बाद मस्जिद का निर्माण कराया गया था। इसलिए इस जमीन को हिंदू समुदाय को सौंप देनी चाहिए। फिलहाल यह भी मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
अटाला मस्जिद VS अटाला देवी मंदिर
4. चौथा अटाला मस्जिद का निर्माण 1408 ईस्वी में इब्राहीम शाह शर्की ने किया था। यह मस्जिद जौनपुर में स्थित है और इसे उस समय की अन्य मस्जिदों के निर्माण के लिए आदर्श माना जाता है। यह मस्जिद 100 फीट से अधिक ऊंची है और इसके निर्माण की शुरुआत 1393 ईस्वी में फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल में हुई थी। अटाला मस्जिद का वास्तुकला और निर्माण शैली उस समय के इस्लामी स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण है। अब हिंदू पक्ष का कहना है कि अटाला मस्जिद असल में एक प्राचीन हिंदू मंदिर 'अटाला देवी मंदिर' का हिस्सा है, जिसे 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने बनवाया था। हिंदू पक्ष के अनुसार, फिरोज तुगलक के शासनकाल में मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया।
जामा मस्जिद VS कामाख्या देवी मंदिर
5. पांचवा फतेहपुर के जामा मस्जिद पर भी दावा किया गया है कि कामाख्या देवी का मंदिर था, जिसे तोड़कर ही मस्जिद बनाई गई है। मस्जिद के नीचे कटरा केशव देव की मूर्तियां हैं। इसका भी मामला कोर्ट में पहुंच चुका है। इसका केस को सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड और मस्जिद प्रबंधक समिति मिलकर लड़ रही हैं। फिलहाल यह भी मामला अभी विचाराधीन ही है।