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ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या, वकील के ड्रेस में आए थे बदमाश

Edited By Ramkesh,Updated: 07 Jun, 2023 05:25 PM

sanjeev jeeva accused in the brahma dutt murder case was shot dead

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की लखनऊ के सिविल कोर्ट में बदमाशों ने गोलीमार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद सिविल कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी मौके से फरार होने की फिराक में थे लेकिन कोर्ट में मौजूद...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की लखनऊ के सिविल कोर्ट में बदमाशों ने गोलीमार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद सिविल कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी मौके से फरार होने की फिराक में थे लेकिन कोर्ट में मौजूद लोगों ने एक आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना पांच लोग घायल हैं। फिलहाल पुलिस ने सभी को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। बताया जा रहा है कि घटना एक बच्ची की भी मौत हो गई है। 

बता दें कि संजीव जीवा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में खौफ था। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा। 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस व आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया। आज बात पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की इसलिए क्योंकि बीते दिनों शामली पुलिस ने उसी के गैंग के एक शख्स को एके-47,करीब 1300 कारतूस व तीन मैगजीन के साथ पकड़ा है। शामली पुलिस ने रास्ते में चेकिंग के दौरान अनिल नाम के शख्स को धर दबोचा था। दरअसल, जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के नौकरी करता था। इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी।

उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी होती थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी। इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।


हालांकि, कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका है, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी।

जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद है, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी। फिलहाल आज उसकी कोर्ट परिसर में उसकी हत्या कर दी गई है। 

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