Edited By Mamta Yadav,Updated: 25 Jan, 2025 01:52 AM
68 तीर्थ और 19 कूपों की नगरी संभल में एएसआई संरक्षित समाधि स्थल वाले अल्लीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा में सालों पुराने सिक्के और मिट्टी के बर्तन मिले हैं। एएसआई टीम की सूचना पर एसडीएम ने भी दौरा किया और मिट्टी के बर्तन एवं सिक्कों को कब्जे में ले...
Sambhal News, (दानिश अंसारी): 68 तीर्थ और 19 कूपों की नगरी संभल में एएसआई संरक्षित समाधि स्थल वाले अल्लीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा में सालों पुराने सिक्के और मिट्टी के बर्तन मिले हैं। एएसआई टीम की सूचना पर एसडीएम ने भी दौरा किया और मिट्टी के बर्तन एवं सिक्कों को कब्जे में ले लिया। जिनकी संख्या 300 से 400 बताई गई। एसडीएम का कहना रहा कि वहां गुरु अमर की समाधि बताई जाती है जो एएसआई के रिकार्ड में संरक्षित है।
बता दें कि अमरपति खेड़ा पूर्व से एएसआई द्वारा 1920 से संरक्षित स्थल रहा है। वहां पुराने मिटभांड और सिक्के मिले हैं। वहां पर लोगों द्वारा बताया गया कि वहां पहले से पुरानी समाधियां रही हैं। जो एएसआई के रिकॉर्ड में है गुरु अमर की समाधि थी, जब उसे संरक्षित किया गया था। गुरु अमरा पृथ्वीराज चौहान समकालीन माने जाते हैं। वहां पर 300-400 पुराने सिक्के अभी तक मिले हैं। बताते चलें कि अल्लीपुर खुर्द में अभी भी कई ऐतिहासिक चीजें होने की बात सामने आ रही है। प्रशासन उन चीजों को खोजने पर विचार विमर्श कर रहा है। संभल के गांव में सैकड़ों साल पुराने सिक्के एवं बर्तन मिले हैं। एसआई संरक्षित क्षेत्र में मिली प्राचीन धरोहर को एसडीएम ने संरक्षित कर लिया है। यह पूरा मामला अलीपुर खुर्द के अमरपति खेड़ा का है जहां कल एसआई की टीम गई थी।
संभल SDM भी गुरुवार को अमरपति खेड़ा पहुंचीं
एसआई संरक्षित क्षेत्र में चारसौ साल पुराने सिक्के एवं मिट्टी के बर्तन मिले हैं। जिन्हें एसडीएम ने संरक्षित कर लिया है इलाके में सैकड़ों साल पुरानी समाधियां होने का दावा है। अमरपति खेड़ा प्रथ्वीराज कालीन अमरगुरु का बताया जाता है। फिलहाल प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरें मिलने के बाद प्रशासन की अमरपतिखेड़ा पर नजर बनी हुई है।