17 करोड़ के इंजेक्शन से बचेगी मासूम बच्चे की जान, माता-पिता ने CM योगी और PM मोदी से लगाई मदद की गुहार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Aug, 2023 03:39 PM

saharanpur news innocent child s life will be saved by injection of 17 crores

Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नाम की लाइलाज बीमारी ने जिले के एक मासूम को अपनी चपेट में ले लिया है। 9 महीने का मासूम शंभुदेव इन...

(रामकुमार पुंडीर)Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नाम की लाइलाज बीमारी ने जिले के एक मासूम को अपनी चपेट में ले लिया है। 9 महीने का मासूम शंभुदेव इन दिनों घातक बीमारी (SMA) स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहा है। शंभु को दिल्ली के AIMS अस्पताल के डॉक्टरों ने ना सिर्फ स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी की पुष्टि की है बल्कि इलाज के लिए 17 करोड़ 50 लाख रूपए का खर्च बताया है। जिसके बाद मासूम शंभु के परिजन परेशानी में आ गए हैं। डॉक्टरों ने SMA बीमारी के लिए साढ़े 17 करोड़ का जोलगेन्समा इंजेक्शन लगाने की सलाह दी है, जिसे अमेरिका से आर्डर पर मंगवाया जाएगा।

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एक साल के बच्चे को लगना है 17 करोड़ का इंजेक्शन
खास बात यह है कि जिंदगी और मौत से जूझ रहे मासूम शंभु के माता पिता के लिए इतना महंगा इंजेक्शन मंगवाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है। यही वजह है कि बेटे की जिंदगी के लिए बेबस माता-पिता ने जहां सरकार से मदद की गुहार लगाईं है, वहीं देशवासियों से इलाज के लिए चंदा इकट्ठा करने की अपील कर रहे हैं। हालांकि मासूम शंभु के इलाज के लिए एक संस्था द्वारा चंदा इकट्ठा करने की मुहीम चलाई हुई है। चौकाने वाली बात ये है कि इस इंजेक्शन की अंतर्राष्ट्रीय कीमत साढ़े 23 करोड़ रूपए बताई जा रही है, जिसे भारत सरकार द्वारा टेक्स फ्री करने के बाद साढ़े 17 करोड़ रूपए है।

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स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहा 9 महीने का शंभू
आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर के गांव खजूरवाला निवासी अमित शर्मा किसानी का काम करता है। अमित शर्मा का एक 9 महीने का बेटा है जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी की चपेट में आ गया। अमित बताते हैं जब वह चार महीने का था तब उसके हाथों और पैरों में मूवमेंट नहीं हो रहा था, जबकि हाथ-पांव देखने में तंदुरुस्त दिख रहे थे। उन्होंने मासूम शंभु को बिठाने की कोशिश की लेकिन वह बैठ भी नहीं पा रहा था, जिसके चलते उन्होंने मासूम शंभु को स्थानीय डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने मासूम को देहरादून के जौलीग्रांट के लिए रेफर कर दिया। जौलीग्रांट के डॉक्टरों ने सभी जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी होना बताया। डॉक्टरों ने पुष्टि के लिए दिल्ली एम्स हॉस्पिटल भेज दिया जहां डॉक्टरों की टीम ने मासूम शंभु देव की सभी जांच की। जांच रिपोर्ट में शंभु को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी TYPE 1 बिमारी की पुष्टि की है, जिसके बारे में सुनकर मासूम शंभु के माता-पिता और परिजनों की चिंता बढ़ गई है।

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माता-पिता ने सीएम योगी और PM मोदी से लगाई गुहार
खजुरवाला गांव के मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा 9 माह का मासूम शंभु ऐसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा है। यह बिमारी देशभर में गिने चुने बच्चों को ही अपनी चपेट में ले रही है।  दिल्ली के एम्स ने मासूम शंभु देव में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी ( SMA ) टाइप 2 जानलेवा बीमारी की पुष्टि की है। डॉक्टरों ने मासूम शंभु की जिन्दगी बचाने के लिए ऐसा इंजेक्शन लगाने की सलाह दी है जिसकी कीमत की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, डॉक्टरों ने मासूम बच्चे को साढ़े 23 करोड़ की कीमत का इंजेक्शन लगाने की सलाह दी थी। भारत सरकार ने दुनिया के मंहगे इंजेक्शन को टैक्स फ्री किया हुआ है जिसके बाद इसकी कीमत साढ़े 17 करोड़ रूपए रह जाती है, लेकिन साढ़े 17 करोड़ रुपए इकट्टा करना मासूम के परिजनों के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, जिसके चलते परिजनों ने ना सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मदद की गुहार लगा रहे हैं। 

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