आत्मविश्वास और आत्मावलोकन ही नई शिक्षा नीति का लक्ष्य : मोदी

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Nov, 2020 07:49 PM

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लखनऊ, 25 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मविश्वास और आत्मावलोकन को नयी शिक्षा नीति का लक्ष्य करार देते हुए बुधवार को कहा कि बंधनों से जकड़ा हुआ शरीर और दिमाग कभी फलदायी नहीं हो सकता।

लखनऊ, 25 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मविश्वास और आत्मावलोकन को नयी शिक्षा नीति का लक्ष्य करार देते हुए बुधवार को कहा कि बंधनों से जकड़ा हुआ शरीर और दिमाग कभी फलदायी नहीं हो सकता।

प्रधानमंत्री ने लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को डिजिटल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा ''नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य यही है कि देश का हर युवा खुद को जान सके। अपने मन को टटोल सके। नर्सरी से लेकर पीएचडी तक आमूल-चूल परिवर्तन इसी संकल्प के साथ किए गए हैं। कोशिश यह है कि आत्मविश्वास हमारे विद्यार्थियों में हो।''
उन्होंने कहा ''आत्मविश्वास तभी आता है जब अपने लिए निर्णय लेने की आजादी मिले। बंधनों में जकड़ा हुआ शरीर और दिमाग कभी सृजनात्मक नहीं हो सकता। आप सभी शिक्षकों और युवा साथियों से यही आग्रह रहेगा कि इस नई शिक्षा नीति पर आप खूब चर्चा और मंथन करें, वाद विवाद और संवाद करें। इस नई नीति पर पूरी शक्ति के साथ काम करें। देश जब आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा तब तक नई शिक्षा नीति व्यापक रूप से अपनी आत्मा के साथ हमारी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनेगी।''
मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को संस्थान की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए शताब्दी उत्सव स्थापना दिवस के अवसर पर डाक टिकट, विशेष कवर तथा स्मारकीय सिक्के का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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