Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 Aug, 2023 12:46 PM
Politics News: राजनीति में भाई-भतीजवाद और वंशवाद कोई नहीं बात नहीं है। कांग्रेस में नेहरु गांधी परिवार की पांचवी पीढ़ी अब आगे है। भाजपा में कई राज्यों में इसके कई पदाधिकारी तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। वहीं समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और....
Politics News: राजनीति में भाई-भतीजवाद और वंशवाद कोई नहीं बात नहीं है। कांग्रेस में नेहरु गांधी परिवार की पांचवी पीढ़ी अब आगे है। भाजपा में कई राज्यों में इसके कई पदाधिकारी तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। वहीं समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और द्रमुक जैसे दलों के लिए भी राजनीति में परिवार मायने रखते हैं।
वंशवादी पार्टी बनने की ओर बढ़ती दिख रही है बसपा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी भी एक वंशवादी पार्टी बनने की ओर बढ़ती दिख रही है। कांशीराम ने 1984 में बसपा की स्थापना की थी। उन्होंने 1982 में चमचा युग नामक पुस्तक के साथ बहुजन आंदोलन की शुरुआत की और पार्टी ने उत्तर भारत की राजनीति पर व्यापक प्रभाव डाला लेकिन, कांशीराम ने अपने परिवार को राजनीति से दूर रखा और संघर्ष के दिनों में दिल्ली में मिली एक स्कूल शिक्षिका मायावती का समर्थन किया।
मायावती के भतीजे आकाश आनंद को बताया जा रहा संभावित उत्तराधिकारी
आपको बता दें कि 15 दिसम्बर 2001 को उन्होंने लखनऊ में एक रैली में उन्हें अपना उत्तराधिकारी नामित किया। दो दशक से अधिक समय के बाद मायावती के भीते आकाश आनंद जो वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक है, को मायावती के संभावित उत्तराधिकारी के रुप में पेश किया जा रहा है। बुधवार को आनंद लखनऊ में पार्टी की एक बैठक में मायावती के साथ मौजूद थे और वह तस्वीर उनके ट्विटर अकाउंट पर प्रकाशित हुई थी। इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं औऱ इन राज्यों के प्रचार अभियान को लेकर आनंद प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।