Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 May, 2024 12:55 PM
कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। रायबरेली से जहां राहुल गांधी ताल ठोकेंगे वहीं वहीं अमेठी ...
अमेठी: कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। रायबरेली से जहां राहुल गांधी ताल ठोकेंगे वहीं वहीं अमेठी सीट से केएल शर्मा ने नामांकन किया है। इसी बीच रॉबर्ट वाड्रा ने फेसबुक पर भावुक पोस्ट किया है। बता दें कि अमेठी का फैसला राजनीतिक पंडितों के लिए भी चौकाने वाला था। दरअसल, चुनाव से पहले चर्चा थी कि इस बार रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
फेसबुक पर किए गए पोस्ट में रॉबर्ट वाड्रा ने लिखा, 'राजनीति की कोई भी शक्ति, पद हमारे परिवार के बीच नहीं आ सकती। हम सभी अपने महान राष्ट्र की जनता और जनता की बेहतरी के लिए हमेशा काम करेंगे, करेंगे और करते रहेंगे। आपके समर्थन और शुभकामनाओं के लिए सभी को धन्यवाद। मैं सदैव अपनी जनसेवा के माध्यम से यथासंभव लोगों की मदद करूंगा।'
बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा ने सक्रिय राजनीति में आने का इरादा जताया था। कयास थे कि अगर अमेठी से उन्हें टिकट भी दिया जा सकता है। हालांकि कांग्रेस के फैसले ने सबको हैरान कर दिया। वाड्रा ने कहा था कि वह जनता के बीच रहते हैं इसलिए राजनीति में आ सकते हैं। वहीं भाजपा ने भी अमेठी और रायबरेली का टिकट फाइनल होने के बाद तंज कसते हुए कहा था कि वाड्रा परिवार को किनारे कर दिया गया है।
क्या है अमेठी का जातीय समीकरण?
जातीय समीकरण की बात करें तो अमेठी में दलित (26 फीसदी), मुस्लिम (20 फीसदी) और ब्राह्मण (18 फीसदी) का दबदबा है। ऐसे में जातीय समीकरण के हिसाब से कांग्रेस को लगता है कि उनको फायदा हो सकता है। लेकिन बीते पांच सालों में स्मृति ईरानी ने यहां पर जो काम करवाए और स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने का काम किया, उस आधार पर उन्हें वोट मिलेंगे। स्मृति ईरानी ने अमेठी में घर भी बनवा लिया है। वह लगातार लोगों के बीच जाकर जनसंपर्क कर रही हैं।