Edited By Umakant yadav,Updated: 11 Oct, 2020 02:15 PM
हाथरस में दलित समुदाय की 19 वर्षीय एक युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में पीड़िता के परिजन सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष पेश होंगे।
लखनऊ: हाथरस में दलित समुदाय की 19 वर्षीय एक युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में पीड़िता के परिजन सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष पेश होंगे। अदालत ने हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत उच्चाधिकारियों को भी उसके समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं।
अदालत ने एक अक्टूबर को हाथरस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था), जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सोमवार को तलब किया है। खंडपीठ ने अधिकारियों को मामले से संबंधित दस्तावेज लेकर आने को कहा है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने शनिवार को बताया कि परिजनों को अदालत में पेश करने के मामले में जिला न्यायाधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जायसवाल ने बताया कि युवती के परिवार की सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम किया गया है। परिवार की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी पुलिस उप महानिरीक्षक शलभ माथुर संभाल रहे हैं।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में गत 14 सितंबर को एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की गई थी। इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई लड़की की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में गांव के ही रहने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था।