Edited By Ramkesh,Updated: 29 Mar, 2025 07:26 PM

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के 13 वर्ष पुराने मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। एक शासकीय अधिवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। शासकीय...
मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के 13 वर्ष पुराने मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। एक शासकीय अधिवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। शासकीय अधिवक्ता विश्वजीत सिंह राठौर ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश जय प्रकाश की अदालत ने शुक्रवार को अल्लापुर गांव के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में एक अन्य व्यक्ति को बरी कर दिया। राठौर ने घटना का ब्योरा देते हुए ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि करीब 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के पिता ने 15 दिसंबर 2012 को घिरोर थाना में धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोपी पर उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने जांच के दौरान लड़की को बरामद कर धर्मेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया और नाबालिग की मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। अधिवक्ता ने बताया कि मामले की जांच के दौरान दयापुर थानाक्षेत्र के जसराना गांव के रहने वाले संजू उर्फ संजीव का नाम प्रकाश में आया, जिसने नाबालिग को बहला-फुसलाकर कथित तौर पर भगाने में सहयोग किया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच के बाद धर्मेंद्र कुमार और संजू के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। राठौर ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश ने धर्मेंद्र कुमार को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई तथा पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में संजू को बरी कर दिया।