Edited By Mamta Yadav,Updated: 09 Jan, 2023 11:44 PM
Lucknow News: सोशल मीडिया (Social Media) पर महिलाओं (Woman) के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी (hate speech) करने के आरोपों में गिरफ्तार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारी मनीष जगन अग्रवाल की सोमवार को जमानत मिलने के बाद शाम...
लखनऊ, (अश्वनी कुमार सिंह): सोशल मीडिया (Social Media) पर महिलाओं (Woman) के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी (hate speech) करने के आरोपों में गिरफ्तार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारी मनीष जगन अग्रवाल की सोमवार को जमानत मिलने के बाद शाम को जिला कारागार से रिहाई हो गयी। जिला कारागार लखनऊ के जेलर किशोर दीक्षित ने बातचीत में मनीष जगन अग्रवाल की रिहाई की पुष्टि की। शांति भंग की धारा में सहायक पुलिस आयुक्त के यहां से जमानत मिलने के बाद अग्रवाल को रिहा कर दिया गया।
अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव राज्य पुलिस मुख्यालय पहुंच गए थे
पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को सहायक पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) की अदालत से मनीष जगन अग्रवाल की जमानत मंजूर हो गई। अग्रवाल की रिहाई के संदर्भ में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि मामले में दर्ज सभी धाराओं में सात वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है, इसलिए इसमें गिरफ्तारी का औचित्य नहीं था। अग्रवाल की गिरफ्तारी शांति भंग के मामले में की गयी थी, इसलिए ‘जमानत मुचलका' भरने पर अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली। उल्लेखनीय है कि अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव रविवार को राज्य पुलिस मुख्यालय पहुंच गए थे और उनके साथ सपा के कार्यकर्ता भी अग्रवाल की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर मुख्यालय के बाहर जमा हो गए। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक अफरातफरी की स्थिति रही। रविवार की शाम को अखिलेश यादव अग्रवाल से मिलने लखनऊ जिला कारागार भी गये थे।
महिलाओं के प्रति अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप
पुलिस उपायुक्त (मध्य) अर्पणा रजत कौशिक ने बताया था कि अग्रवाल को रविवार सुबह हजरतगंज से गिरफ्तार किया गया। कौशिक ने बताया कि अग्रवाल पर सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की उत्तर प्रदेश इकाई की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर चार जनवरी को हजरतगंज थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (ए) (यौन उत्पीड़न), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
नवंबर से सपा के ट्विटर हैंडल का प्रबंधन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज की गई यह चौथी प्राथमिकी
पुलिस को दी गई शिकायत में ऋचा ने सपा मीडिया प्रकोष्ठ के ट्विटर अकाउंट पर की गई कई टिप्पणियों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि ‘‘समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों ने धमकी दी है कि मेरे साथ बलात्कार किया जाएगा। उन्होंने मुझे जान से मारने की भी धमकी दी है। उन्होंने मेरे खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी की है।'' अग्रवाल इस हैंडल का संचालन करते थे। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल नवंबर से सपा के ट्विटर हैंडल का प्रबंधन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज की गई यह चौथी प्राथमिकी है।