Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 May, 2024 10:42 AM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार रात अपने भतीजे आकाश...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार रात अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोऑर्डिनेटर) की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। जानकारों की मानें तो नगीना में जनसभा में उन्होंने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना के प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर सीधा हमला बोला, जो बसपा नेतृत्व को रास नहीं आया। आकाश के इस रुख का सियासी फायदा चंद्रशेखर को मिलने की संभावना जताई जाने लगी। इसके बाद उन्होंने सीतापुर में दिए अपने भड़काऊ भाषण से पार्टी नेतृत्व को नाराज करने मे कोई कसर बाकी नहीं रखी।
आकाश ने भाजपा नेताओं की आतंकवादियों से की थी तुलना
दरअसल, उनके भाषण की वजह से बसपा के जिलाध्यक्ष विकास राजवंशी, लखीमपुर के प्रत्याशी अंशय कालरा, धौरहरा के प्रत्याशी श्याम किशोर अवस्थी, सीतापुर के प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव पर भी मुकदमा हो गया। बता दें कि आकाश आनंद ने सीतापुर में जनसभा के दौरान भाजपा नेताओं की तुलना आतंकवादियों से की थी। साथ ही, उन्हें जूतों से मारने की बात कही थी। आकाश आनंद के इस भड़काऊ भाषण के बाद उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए आकाश आनंद की रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी थी।
आकाश ने ऐसे मुद्दों को भी हवा दी, जिससे बसपा नेतृत्व किनारा करता रहा
सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो ने सीतापुर के प्रकरण के बाद आकाश आनंद के प्रचार पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद वह लगातार दिल्ली में रहकर प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विदेश में बसे बहुजन समाज के लोगों के साथ संपर्क करते हुए बसपा का प्रचार करते रहे। उन्होंने ऐसे मुद्दों को भी हवा दी, जिससे बसपा नेतृत्व किनारा करता रहा है। वहीं बसपा सुप्रीमो खुद भी लगातार चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई करने की मांग लगातार कर रही थीं, ऐसे हालात में उन्होंने सबसे पहले अपने उत्तराधिकारी पर ही गाज गिराकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।
संदेश देने की कोशिश
आकाश आनंद को हटाकर मायावती ने यह राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है कि वह कीचड़ उछाल की राजनीति नहीं करती हैं। बता दें कि इसी तरह उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में भाई-भतीजावाद का आरोप लगने के बाद भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया था, लेकिन चुनाव बाद फिर बना दिया। आकाश आनंद को भी हटाकर मायावती ने संदेश देने का काम किया है कि उनके लिए परिवार नहीं पार्टी व मूवमेंट जरूरी है।
मायावती ने ट्वीट कर दी जानकारी
बता दें कि बसपा प्रमुख ने मंगलवार की रात सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किये गये अपने एक संदेश में कहा कि ''बसपा एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान, स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी आंदोलन है जिसके लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी व खुद मैंने भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।''
अपने सिलसिलेवार पोस्ट में मायावती ने कहा, ‘‘इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को राष्ट्रीय समन्वयक व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व आंदोलन के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।'' बसपा प्रमुख ने अपने भाई और आनन्द के पिता के संदर्भ में एक पोस्ट में कहा, ‘‘हालांकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व आंदोलन में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे। अतः बसपा का नेतृत्व पार्टी व आंदोलन के हित में और बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।''