Edited By Pooja Gill,Updated: 21 Apr, 2025 08:31 AM

इटावा: वक्फ संशोधन रिपोर्ट की मांग पर भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को आड़े हाथों ले लिया है वही दूसरी ओर समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम मान करके उसके पक्ष में खड़ी हुई दिख रही है...
इटावा: वक्फ संशोधन रिपोर्ट की मांग पर भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को आड़े हाथों ले लिया है वही दूसरी ओर समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम मान करके उसके पक्ष में खड़ी हुई दिख रही है। सपा का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ बयान देने की प्रकिया पर अंकुश लगना चाहिए।
'भाजपा देश की लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं कर रही'
मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई के खिलाफ बयानगी पर अंकुश लगाना चाहिए। देश में जो सुप्रीम है उसका सम्मान तो करना चाहिए। भाजपा देश की लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं कर रही है। भाजपा नेता संविधान का सम्मान नहीं करते हैं जब कि सपा उनकी टिप्पणियों का पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो सुप्रीम है उसका सम्मान नहीं कर रहे आप किस तरह की व्यवस्था देश पर लागू करना चाहते हैं इससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता इस तरह की टिप्पणियों से अपने आप को लाइमलाइट में लाना चाहते हैं। भाजपा के पास जनता से जुड़े मुद्दों का कोई जवाब नहीं है, बेरोजगारी और महिलाओं की स्थिति क्या है इस पर भाजपा का कोई नेता जवाब नहीं देंगे ।
'समाजवादी पार्टी इनकी टिप्पणियां के विरोध में है'
डिंपल यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ओर सीजेआई को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे दिनेश शर्मा जैसे नेताओं के शब्द बर्दाश्त के काबिल नहीं है। भाजपा ने अपने नेताओं के बयान से भले ही किनारा कर लिया हो लेकिन इस पर अंकुश लगना चाहिए। कहा कि वक्फ बोडर् संशोधन बिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भाजपा नेताओं के सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने पर कहा कि भाजपा नहीं चाहती है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था देश में रहे, इनके नेताओं की बातें दर्शाती है कि ये लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान नहीं करते, संविधान का सम्मान नहीं करते, समाजवादी पार्टी इनकी टिप्पणियां के विरोध में है।