Edited By Mamta Yadav,Updated: 27 Nov, 2024 03:35 AM
आजमगढ़ में पुलिस ने एक ऐसे गैंग को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन जुआ खिलाकर ठगता था। इसके लिए ये लोग इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और टेलीग्राम से लोगों को जाल में फंसाते थे। कस्टमर को लालच देते थे कि जुआ खेलकर रुपए तुरंत दो से तीन गुना किए जा सके हैं। ठग...
Azamgarh News, (शुभम सिंह): आजमगढ़ में पुलिस ने एक ऐसे गैंग को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन जुआ खिलाकर ठगता था। इसके लिए ये लोग इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप और टेलीग्राम से लोगों को जाल में फंसाते थे। कस्टमर को लालच देते थे कि जुआ खेलकर रुपए तुरंत दो से तीन गुना किए जा सके हैं। ठग REDDY, ANNA, LOTUS और MAHADEV जैसे बेटिंग एप से ऑनलाइन जुआ खिलाते थे। यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश समेत 12 राज्यों में इन्होंने नेटवर्क फैला रखा था। गैंग चलाने के लिए ठगों ने कोचिंग के नाम पर एक कमरा किराए पर लिया था। वहीं से पूरा नेटवर्क ऑपरेट करते थे। इन बदमाशों ने अब तक 190 करोड़ की ठगी की है। मंगलवार को पुलिस उसी कमरे पर पहुंची और 11 बदमाशों को पकड़ लिया। उनके पास से 169 बैंक खाते मिले हैं, जिनमें करीब दो करोड़ रुपए जमा हैं। सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है।
एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि आजमगढ़ पुलिस को कुछ दिन से ऑनलाइन जुआ खिलाने के नाम पर ठगी करने की शिकायतें मिल रही थीं। छानबीन करने पर पता चला कि जिले में ऑनलाइन जुआ खिलाने की दो यूनिट अप्रैल, 2024 से चल रही हैं। इन दोनों यूनिट में कुल 13 साइबर ठग काम कर रहे हैं। आजमगढ़ में इस नेटवर्क का सरगना राम सिंह है, जो महराजगंज जिले का रहने वाला है। यह गैंग जुआ खिलाने के लिए लोगों को इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, मेटा और टेलीग्राम चैनलों पर लिंक शेयर करता था। इसमें जो लोग फंस जाते थे, उनसे फीस लेकर उनकी लॉगिन आईडी और पासवर्ड जनरेट कर देते थे। खाते की डिटेल वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए लोगों को देते थे। जुआ खेलने वालों के खाते की डिटेल मिल जाने पर उनका सारा पैसा फर्जी खातों और फर्जी मोबाइल नंबरों के जरिए ट्रांसफर कर लेते थे। ठगी के बाद गैंग अपने ग्राहकों की लॉगिन आईडी को ब्लॉक कर देता था। यह गैंग करीब 3 साल से लोगों को ठगने का धंधा कर रहा था। गैंग वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए देश-विदेश में लोगों से संपर्क करता था।
गैंग के सदस्य लोगों से बात करके उनके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजते थे। बाद में उनसे ओटीपी शेयर करने को बोलते थे। ओटीपी शेयर करते ही उनकी डिटेल ठगों के पास आ जाती थी। जिससे वे उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेते थे। इसके अलावा ठग सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर स्टोरी भी लगाते थे। जो लोग उनकी स्टोरी देखते थे, उनसे ठग चैटिंग करते थे। इस दौरान लोगों को पैसा दोगुना-चार गुना करने का लालच दिया जाता था। पकड़े गए साइबर ठगों के पास से मोबाइल, लैपटॉप और कैश बरामद हुए हैं। श्रीलंका और यूएई के नंबर वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ रखे थे गैंग ने भारत ही नहीं, श्रीलंका और यूएई के लोगों के नंबर भी वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ रखे थे। जहां से ठगी के पैसों का लेन-देन करते थे। पकड़े गए आरोपियों में महराजगंज का रहने वाला राम सिंट मिर्जापुर का संदीप याटत रटीसा विशालदीप सिंह, बिहार का अजय कुमार पाल, वाराणसी के लालगंज और आकाश यादव, मध्य प्रदेश का पंकज कुमार, मिर्जापुर का विशाल यादव, बिहार का आनंदी कुमार यादव, और आजमगढ़ का रहने वाला मिर्जा उमर बेग उर्फ उमर मिर्जा शामिल हैं। इन ठगों पर अलग-अलग राज्यों में 71 मुकदमे दर्ज हैं। एक राज्य की पुलिस ने दूसरे राज्य की पुलिस से इनपुट शेयर किया था। इसके साथ ही आजमगढ़ में ठगी का नेटवर्क चलने के इनपुट भी मिले थे। इस तरह से पुलिस ठगों तक पहुंच पाई और कुल 190 करोड़ की ठगी करने की बात सामने आई। 169 बैंक खातों में दो करोड़ से ज्यादा फ्रीज कराए गए।
एसपी हेमराज मीणा के मुताबिक, आरोपियों के 169 बैंक खातों में दो करोड़ से ज्यादा रुपए फ्रीज कराए गए हैं। इसके साथ ही 35 लाख रुपए का सामान भी बरामद हुआ है। इनमें तीन लाख 40 हजार कैश, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिमकार्ड, 7 चेकबुक, तीन आधार कार्ड और एक जियो फाइबर का डोंगल बरामद किया गया है। साथ ही बड़ी संख्या में फर्जी नाम-पते पर बनाए गए बैंक अकाउंट भी मिले हैं। इन अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों को जब ट्रैक किया गया, तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।