Edited By Ramkesh,Updated: 07 Aug, 2024 11:04 AM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) खुटहन से तीन बार विधायक व मछलीशहर के पूर्व बसपा सांसद उमाकांत यादव पर जल्द ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करेगा। आजमगढ़ पुलिस ने उमाकांत के खिलाफ दर्ज मुकदमों व संपत्तियों की जानकारी ईडी को सौंप दी है।...
लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) खुटहन से तीन बार विधायक व मछलीशहर के पूर्व बसपा सांसद उमाकांत यादव पर जल्द ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करेगा। आजमगढ़ पुलिस ने उमाकांत के खिलाफ दर्ज मुकदमों व संपत्तियों की जानकारी ईडी को सौंप दी है। बता दें कि लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय के अधिकारियों ने बीते दिनों आजमगढ़ के एसपी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी। साथ ही, उनके बेटे रविकांत पर दर्ज मुकदमों का ब्योरा भी देने को कहा था।
सूत्रों की मानें तो ईडी के अधिकारियों ने आजमगढ़ पुलिस से मिली जानकारी का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज करने की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है।उमाकांत पर पहला मुकदमा वर्ष 1977 में दर्ज हुआ था। इसके बाद आजमगढ़, लखनऊ और जौनपुर में 36 आपराधिक मामले दर्ज हुए। इसमें धोखाधड़ी, लूट, हत्या व लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे अन्य कई गंभीर मामले शामिल हैं। यही नहीं, दो साल पूर्व जीआरपी सिपाही हत्याकांड में उमाकांत समेत सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। उमाकांत बसपा के अलावा सपा में भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि उमाकांत यादव 1991 में बीएसपी से खुटहन विधानसभा से विधायक बने। इसके बाद 1993 में वे सपा बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए।- 1996 के चुनाव में सपा बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बीएसपी छोड़ समाजवादी पार्टी से विधायक बने। 2002 के विधान सभा चुनाव में उमाकांत यादव ने बीजेपी-जदयू गठबंधन से खुटहन से चुनाव लड़ा, लेकिन बसपा प्रत्याशी शैलेंद्र यादव ललई से हार गये। 2004 लोकसभा चुनाव में उमाकांत यादव जेल बंद रहते हुए एक बार फिर से मछलीशहर से बीएसपी के टिकट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी को हराकर सांसद बने थे।