ईद की नमाज सड़कों पर ना पढ़े और काली पट्टी ना बांधे: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

Edited By Pooja Gill,Updated: 31 Mar, 2025 09:08 AM

do not offer eid namaz on the streets

बरेली: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने ईद के दिन हाथ पर काली पट्टी बांधने का ऐलान किया है, इस ऐलान पर मुसलमान अमल न करें...

बरेली: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने ईद के दिन हाथ पर काली पट्टी बांधने का ऐलान किया है, इस ऐलान पर मुसलमान अमल न करें, काली पट्टी न बांधें क्योंकि यह दिन खुशियों का दिन है, काली पट्टी बांधकर खुशी के दिन को गम में ना बदले। अपने देश और परिवार के लिए खुशहाली और तरक्की की दुआ करें।

'ईद की नमाज का सौहार्द के साथ प्रबंध करें'
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान में कहा ‘‘ईद की तमाम तैयारियां जोर शोर से हो रही है, मैं तमाम ईदगाह के इमाम और मस्जिद के इमाम हजरात से अपील करूंगा कि ईद की नमाज का सौहार्द के साथ प्रबंध करें। और नमाज में इस बात का ध्यान रखें कि रोड पर नमाज ना हो, ईदगाह और तमाम मस्जिदों में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि अगर कहीं मस्जिद छोटी है, और नमाज़ी ज्यादा आ गए तो मस्जिद के अंदर समा नहीं पाते हैं। ऐसी सूरत ए हाल में उसका तरीका शरियत ने ये बताया है कि मस्जिद में इमाम बदलकर दूसरी जमात या तीसरी जमात की जा सकती है। फिर रोड पर जमात की कोई जरूरत पेश नहीं आएगी, इसकी वजह यह है कि जब रोड पर नमाज लोग पढ़ने लगते हैं तो एंबुलेंस ट्रैफिक और लोगों की आमद व रफ्त (आना जाना) बंद हो जाता है, तो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस्लाम रवादारी और इंसानियत का मजहब है, किसी को तकलीफ़ पहुंचाने का नहीं।''

'त्योहारों से सम्बंधित गाइडलाइंस का पालन करें'
मौलाना ने हदीस का हवाला देते हुए कहा कि पैगंबर इस्लाम ने फरमाया कि अच्छा मुसलमान वह है, जिसके हाथ पैर जुबान से किसी को तकलीफ ना पहुंचे इसलिए रोड़ों पर नमाज ना पढ़ी जाए। मौलाना ने अपने बयान में आगे कहा है कि देश के सियासी हालात सभी को मालूम है, इसलिए मैं इमाम हजरात से गुजारिश करूंगा कि ईद के दिन अपनी तकरीरों में राजनीतिक मामलों को मुद्दा ना बनाएं, इन मुद्दों को सियासत दानो पर छोड़ दें और अपनी तकरीरों को मुस्लिम समाज के अंदर फैल रही बुराईयों की रोक थाम पर केंद्रित रखें। हुकूमत द्वारा जारी की गई त्योहारों से संबंधित गाइडलाइन का पालन करें। और ईद की नमाज से पहले गरीबों, मीसकीनो को फितरे की रकम और अनाज देकर शबाब (पुन:)हासिल करें।  

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