Edited By Ramkesh,Updated: 01 Aug, 2024 06:24 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार के मुकाबले ज्यादा आरक्षण देने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सपा के राज में बाकी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य लोक सेवा आयोग की भर्तियों में अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार के मुकाबले ज्यादा आरक्षण देने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सपा के राज में बाकी परीक्षाएं तृतीय श्रेणी में पास होने वाले लोग उपजिलाधिकारी (एसडीएम) की भर्ती परीक्षा में टॉप कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए नौकरियों में आरक्षण का जिक्र किया।
राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से 26,394 पदों पर चयन हुआ था
उन्होंने सपा की पिछली सरकार के आंकड़े पेश करते हुए कहा, ''वर्ष 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से 26,394 पदों पर चयन हुआ था। इनमें अन्य पिछड़ा वर्ग को मात्र 26.38 प्रतिशत सीटें और अनुसूचित जाति को 21.34 प्रतिशत सीटें मिली थीं। वर्ष 2017 से अब तक लोक सेवा आयोग की कुल 46,675 भर्तियां हुई हैं। उनमें से ओबीसी को कुल 38.41 प्रतिशत सीटें मिली हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर तबके के अभ्यर्थियों को 3.74 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है।''
साढ़े छह लाख से अधिक भर्तियां पारदर्शिता के साथ की
उन्होंने दावा करते हुए कहा, ''एक भी भर्ती पर कोई व्यक्ति उंगली नहीं उठा सकता। उत्तर प्रदेश में साढ़े छह लाख से अधिक भर्तियां हुई हैं और यह पूरी पारदर्शिता के साथ की गई हैं।'' आदित्यनाथ ने कहा, ''वर्ष 2012 से 2017 के बीच में अवर अभियंता भर्ती, प्रवक्ता भर्ती, प्राविधिक सहायक भर्ती, राजकीय महाविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती, चिकित्सा अधिकारियों के बैकलॉग की भर्ती विवादित थी। उस समय के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को लेकर किस-किस तरह की टिप्पणियां हुई हैं यह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है।'
सपा सरकार में 86 एसडीएम में से 56 सीट पर एक जाति विशेष का चयन होता था
उन्होंने कहा, ''सपा के शासन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में उपजिलाधिकारी के पद के लिए चयन हुए थे। उनमें 86 में से 56 पद एक जाति विशेष के लोगों से भर दिए गए थे। जो हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक की परीक्षाएं तृतीय श्रेणी में पास हुए थे, वे एसडीएम की भर्ती में टॉप कर रहे थे। क्या यह संभव है? सीबीआई इसकी जांच कर रही है। उसकी रिपोर्ट आ जाएगी तो पता लग जाएगा।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए कल ही इस सदन में प्रश्नपत्र लीक के मामलों को लेकर एक सख्त कानून बनाया है जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने के साथ दोषी की सम्पत्ति जब्त करने और संस्था को हमेशा के लिए काली सूची में डालने का प्रावधान किया गया है।
पुलिस के 60 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की लिखित परीक्षा करायी जाएगी
उन्होंने कहा, ''सरकार युवाओं के जीवन के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने देगी। यह सरकार का संकल्प है और इसी महीने 23, 24, 25 और 30, 31 तारीख को पुलिस के 60 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की लिखित परीक्षा करायी जाएगी। आप देखेंगे कि पारदर्शी तरीके से उत्तर प्रदेश के नौजवानों को एक मुश्त भर्ती होने का अवसर मिलेगा। ऐसे ही अन्य आयोगों के माध्यम से भी इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया है।