Edited By Ramkesh,Updated: 23 Jun, 2024 07:36 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि इस सरकार ने शिक्षा और परीक्षा व्यवस्था को ‘‘नकल...
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर नौजवानों का भविष्य बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि इस सरकार ने शिक्षा और परीक्षा व्यवस्था को ‘‘नकल माफिया'' के हवाले कर दिया है। यादव ने यहां एक बयान में राष्ट्रीय पात्रता सह परीक्षा (नीट) को लेकर उठे विवाद की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने नौजवानों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। उसने शिक्षा और परीक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर नकल माफिया के हवाले कर दिया है।
यह सरकार एक भी परीक्षा पारदर्शिता से करने की क्षमता नहीं रखती है। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में सराबोर है। भ्रष्टाचारियों की गिरफ्त में है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने 10 वर्ष के कार्यकाल में पूरे तंत्र को खोखला कर दिया है। यह सरकार छात्रों और युवाओं के साथ-साथ देश के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। छात्रों की मेहनत पर पानी फेर रही है। यह सरकार हर मोर्चे पर विफल है।'' यादव ने आरोप गया कि भाजपा की सरकार पूरी तरह से झूठ और लूट पर चल रही है और महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है, कानून-व्यवस्था ध्वस्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे प्रदेश में सूदखोरों का आतंक है। बलिया, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर के बाद शाहजहांपुर के तिलहर में भी कर्जदारों ने आत्महत्या कर ली है। बरेली में जमीन पर कब्जे को लेकर दिनदहाड़े गोलियां बरसाई गई।'' सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। खुलेआम हत्याएं हो रही हैं। पुलिस प्रशासन और भाजपा के कार्यकर्ता पूरी तरह से बेलगाम हैं। कानून-व्यवस्था पर सरकार का नियंत्रण खत्म हो चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालात ‘‘शर्मनाक'' हैं। यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद जिस तरह प्रदेश के कन्नौज, फिरोजाबाद और अलीगढ़ में प्रशासनिक विफलता की वजह से हत्या और फसाद हुआ है, वो निंदनीय है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई में उत्तर प्रदेश की जनता क्यों पिसे? पराजय से जन्मा ये प्रतिशोध सामाजिक आक्रोश को ही जन्म देगा। इससे किसी का भला होने वाला नहीं।