Edited By Ramkesh,Updated: 22 Dec, 2024 04:28 PM
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां पर एक रिक्श चालक को फर्जी शिक्षक बताकर उसे 51 लाख की रिकवरी का नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस मिलते पीड़ित के होश उड़ गए। समय से रूपए न जमा करने पर आरसी जारी...
श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां पर एक रिक्श चालक को फर्जी शिक्षक बताकर उसे 51 लाख की रिकवरी का नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस मिलते पीड़ित के होश उड़ गए। समय से रूपए न जमा करने पर आरसी जारी कर वसूली करने की चेतावनी दी गई है।
कूटरचित दस्तावेज के जरिए नौकरी हासिल करने का आरोप
पीड़ित के मुताबिक ने बताया कि 11 दिसंबर 2024 को जारी इस नोटिस में कहा गया कि आप सुरेंद्र प्रताप सिंह पुत्र मैन बहादुर सिंह निवासी सीहमई कारीरात, तहसील अकबरपुर, जनपद अंबेडकरनगर के छद्म नाम व पते का प्रयोग करके बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन उच्च प्राथमिक विद्यालय, नव्वापुरवा, विकासखंड जमुनहा, श्रावस्ती में सहायक शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे थे। आरोप है कि आप के द्वारा कूटरचित अभिलेख का प्रयोग करके नौकरी करने की पुष्टि हुई है। आपकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई है। साथ ही आपके विरुद्ध थाना कोतवाली भिनगा पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। आप ने जून 2020 तक बेसिक शिक्षा विभाग से 51 लाख 63 हजार 53 रुपये नकद वेतन का भुगतान प्राप्त किया है।
राजकोष में जमा कराए 51 लाख रुपए
राजकोष में जमा करा दें 51 लाख निर्देशित किया जाता है कि यह पैसा एक सप्ताह के भीतर कोषागार श्रावस्ती के राजकोष में जमा करा दें। जमा रशीद ले लें। अन्यथा भू-राजस्व वसूली की भांति आपसे वसूली की जाएगी। नोटिस मिलने के बाद पीड़ित और उसके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। युवक दिल्ली में रहकर रिक्शा चलाता है। पीड़ित के चार बच्चे भी हैं।
जानिए घटना पर क्या बोले बीएसए?
बीएसए अजय कुमार का कहना है कि नोटिस मेरे कार्यालय से ही जारी हुई है। यदि उसे कुछ तथ्य सामने रखना है तो साक्ष्य सहित कार्यालय आकर अपनी बात कह सकता है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब पीड़ित अनपढ़ है तो इतनी बड़ी जालसाजी कैसे कर सकता है। फिलहाल अब जांच के बाद ही सब कुछ साफ हो कि इस मामले में किसकी गलती है।