Ayodhya Deepotsav 2024: इस साल अयोध्या की दीपावली होगी बेहद खास, विशेष दीपकों से जगमगाएगा रामलला का मंदिर....नहीं लगेंगे दाग-धब्बे

Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Oct, 2024 07:34 AM

ramlala s temple will be lit up with special lamps on deepawali

Ayodhya Deepotsav 2024: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के तहत सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीपक प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों के बीच रामलला के मंदिर में इस बार एक विशेष तरह के दीपक जलाने की योजना है। नवनिर्मित श्री राम...

Ayodhya Deepotsav 2024: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के तहत सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीपक प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों के बीच रामलला के मंदिर में इस बार एक विशेष तरह के दीपक जलाने की योजना है। नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पहली दीपावली के लिए भव्य और "पर्यावरण के प्रति जागरूक" तैयारियां चल रही हैं। सरयू के घाटों पर आगामी 30 अक्टूबर को होने वाले भव्य दीपोत्सव में 28 लाख दीयों को सजाने के लिए 30 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है।

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राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक ये खास तरह के दीपक मंदिर भवन को दाग-धब्बों और कालिख से सुरक्षित रखेंगे और इनसे लंबे समय तक रोशनी भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाने की भी विशेष योजना है। मंदिर परिसर को कई खंडों और उपखंडों में विभाजित कर सजावट का दायित्व सौंपा गया है। बिहार कैडर के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आशु शुक्ला को मंदिर के हर कोने को व्यवस्थित रूप से रोशन करने, सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से सजाने, साफ-सफाई और सजावट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे श्रद्धालु मनोहरी फूलों और दीपों से सजे मंदिर का दिव्य दर्शन कर सकेंगे।

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प्रवक्ता ने बताया कि इस बार दीपोत्सव में पर्यावरण संरक्षण का भी खास ख्याल रखा गया है। मंदिर भवन के ढांचे को धुंए की कालिख से बचाने के लिए परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे, जिनसे कॉर्बन का कम से कम उत्सर्जन होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का प्रयास है कि इस दीपावली में अयोध्या न केवल धर्म और आस्था का केंद्र बने बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे। उन्होंने बताया कि घाटों पर 28 लाख दीयों को सजाने के लिए 30 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों की तैनाती की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप डॉक्टर राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर प्रतिभा गोयल ने सरयू के 55 घाटों पर स्वयंसेवकों की यह भारी भरकम टीम उतारी है।

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प्रवक्ता ने बताया कि 2 हजार से अधिक पर्यवेक्षक, समन्वयक, घाट प्रभारी, दीप गणना व अन्य सदस्यों की देखरेख में 30 हजार से अधिक स्वयंसेवक घाटों पर 28 लाख दीपों को सजाने का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही यह स्वयंसेवक 80 हजार दीयों से राम की पैड़ी के घाट नंबर 10 पर प्रतीक के रूप में स्वास्तिक बना रहे हैं। यह दीपोत्सव आकर्षण का केन्द्र होने के साथ पूरे विश्व को शुभता का संदेश देगा। इसके लिए 150 से अधिक स्वयंसेवक तैनात किये गये हैं। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवक छोटी दीपावली के दिन 30 अक्टूबर को 28 लाख दीयों में तेल, बाती लगाकर देर शाम प्रज्ज्वलित करने के साथ एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम करेंगे। दूसरी ओर घाटों पर घाट प्रभारी व समन्वयक द्वारा समय-समय पर स्वयंसेवकों को दिशा-निर्देश प्रदान किए जा रहे हैं।

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दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रोफेसर संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव के विश्व कीर्तिमान के लिए अवध विश्वविद्यालय परिसर सहित 14 महाविद्यालय, 37 इण्टर कॉलेज, 40 गैर-सरकारी संगठनों के 30 हजार स्वयंसेवक लगाये गए है। प्रवक्ता ने बताया कि इस बार दीपोत्सव की भव्यता को श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर को 29 अक्टूबर से एक नवंबर की रात 12 बजे तक बाहर से भवन दर्शन के लिए खुला रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत गेट संख्या चार बी (लगेज स्कैनर प्वाइंट) से श्रद्धालु आधी रात तक मंदिर की भव्य सजावट का आनंद ले सकेंगे। यह दीपोत्सव न केवल आस्था बल्कि पर्यावरण और सौंदर्य का संदेश भी देगा, जिससे अयोध्या की दीपावली विश्वभर में विशेष स्थान बनाएगी।

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