Edited By Pooja Gill,Updated: 17 Nov, 2024 02:23 PM
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में भीषण से हुए हादसे में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या बढ़कर 11 हो गई है...
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में भीषण से हुए हादसे में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। यह हादसे शुक्रवार रात को हुआ था, इसमें 10 बच्चों की मौत हो गई थी और यानी रविवार को यह संख्या बढ़कर 11 हो गई है। बच्चों की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
वार्ड में 55 नवजात बच्चे थे भर्ती
शुक्रवार रात एनआईसीयू वार्ड में आग लगते ही मौके पर अफरा तफरी मच गयी और वहां मौजूद स्टाफ तथा लोग जिन भी बच्चों को लेकर निकल सके उन्हें लेकर निकले। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन, बचाव टीम और दमकम विभाग की गाडियां मौके पर पहुंची। हालात इतने भीषण थे कि खिडकियों की जालियां तोड़कर शिशुओं को बाहर निकाला गया। मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी और वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है।
लोड की वजह से हुआ शॉर्ट-सर्किट
शुरुआती जांच में सामने आया है कि एसएनसीयू में उपकरणों के अत्यधिक लोड की वजह से शॉर्ट-सर्किट हुआ। इसके बाद चिंगारी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक पहुंची। इसके बाद ही आग बेकाबू हो गई। पुलिस आग लगने के अन्य पहलुओं को भी खंगालने में जुटी है। बता दें कि एसएनसीयू वार्ड में जन्म के तुंरत बाद पीलिया, निमोनिया के शिकार नवजातों को रखा जाता है। नवजात के तापमान को अनुकूल करने के लिए वार्मर भी लगाए गए हैं। जानकारों के मुताबिक यहां क्षमता से तीन गुना अधिक नवजात भर्ती किए गए थे। इस वजह से जीवनरक्षक उपकरणों को लगातार चलाए रखना पड़ रहा था। मॉनिटरिंग मशीन भी लगातार चलती रहती है। तीन-चार घंटे बाद लोड को कम करने के लिए इनमें से कुछ उपकरणों को बंद करना होता है।