Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Mar, 2025 02:17 PM

Ballia News: उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के पकड़ी क्षेत्र में जमीन विवाद की रंजिश के चलते एक मुर्गे को ईंट-पत्थर से प्रहार कर मार डालने के मामले में 2 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया...
Ballia News: उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के पकड़ी क्षेत्र में जमीन विवाद की रंजिश के चलते एक मुर्गे को ईंट-पत्थर से प्रहार कर मार डालने के मामले में 2 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि पकड़ी थाना क्षेत्र के गढ़मलपुर गांव में जमीन के विवाद को लेकर गत 21 मार्च की सुबह आरती देवी नामक महिला के देशी मुर्गे पर ईंट-पत्थर से प्रहार किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि आरती देवी का आरोप है कि जब उसने इस घटना के बारे में आरोपियों से पूछा तो उन्होंने उसकी भी पिटाई की।
मामले की छानबीन कर रही है पुलिस
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में आरती देवी की तहरीर पर सूरज राम और शीला देवी नामक आरोपियों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 (किसी जानवर को मारना), 115-2(जानबूझकर चोट पहुंचाना), 352 (शांति भंग करने की इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 351-3 (किसी व्यक्ति को जान से मारने या उसे गंभीर नुकसान पहुंचाने की धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचाने पर सजा का प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता की धारा 325 के तहत अगर कोई व्यक्ति जीव-जंतु को जानबूझकर मारता है, तो उसे 3 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, ऐसे मामलों में जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके साथ ही, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट (जंगली जीवों के संरक्षण अधिनियम) भी जंगली जानवरों की रक्षा के लिए सख्त प्रावधान करता है। इस अधिनियम के तहत भी जानवरों को नुकसान पहुंचाने पर कठोर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसलिए, अगर किसी ने जानबूझकर किसी जीव-जंतु को मारा या उसे नुकसान पहुंचाया, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। यह नियम जंगली जीवों के संरक्षण के लिए बनाए गए हैं ताकि हमारी जैव विविधता को सुरक्षित रखा जा सके और जंगली जानवरों की आबादी को बचाया जा सके।