Edited By Nitika,Updated: 18 Feb, 2020 02:33 PM
चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने नीतीश कुमार पर सैद्धांतिक विचारधारा से समझौता कर भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की बात पर भी कटाक्ष किया।
पटनाः चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने नीतीश कुमार पर सैद्धांतिक विचारधारा से समझौता कर भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की बात पर भी कटाक्ष किया।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि कुमार को यह बताना चाहिए कि वह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के साथ एक साथ कैसे खड़े रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश जी हमेशा कहते हैं कि वह गांधी, जेपी और लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते। फिर वह उन लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं जो कि गोडसे की विचारधारा का समर्थन करते हैं। दोनों एक साथ नहीं चल सकते। अगर आप भाजपा के साथ खड़े रहना चाहते हैं, तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप दोनों तरफ तो नहीं रह सकते।
पीके ने कहा कि इस मुद्दे पर मेरे और नीतीश जी के बीच काफी चर्चा हुई है। उनके अपने विचार हैं जबकि मेरे अपने। मेरे और मुख्यमंत्री के बीच इस बात को लेकर मतभेद हैं कि गांधी और गोडसे के विचार एक साथ खड़े नहीं हो सकते। दल का नेता होने के नाते आपको यह बताना होगा कि आप किस तरफ हैं।
नीतीश की शासन प्रणाली पर सीधा निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 2005 में बिहार सबसे गरीब राज्य था और अब भी है। उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 15 सालों में विकास हुआ है लेकिन इसकी गति वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए।