Edited By ,Updated: 12 Mar, 2016 11:23 AM

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले का पवारां गांव एक ऐसी एतिहासिक शादी का गवाह बना जिसे लोग कई सालों तक नहीं भूल पाएंगे। यह शादी किसी इंसान की नहीं बल्कि...
कौशाम्बी (शिव नंदन साहू): उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले का पवारां गांव एक ऐसी एतिहासिक शादी का गवाह बना जिसे लोग कई सालों तक नहीं भूल पाएंगे। यह शादी किसी इंसान की नहीं बल्कि एक कुत्ता व कुतिया की थी। शादी समारोह पूरी तरह हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार संपन्न कराई गई।
जानकारी के अनुसार कौशाम्बी जिले के पवारा गांव के बसंत त्रिपाठी का खुशनसीब कुत्ता (शगुन) है। जिसको शादी एक कुतिया से कराई जा रही है। शगुन को शादी से पहले नहलाया गया। उसके बाद उसे अच्छे-अच्छे कपड़ों से सजाया गया। शगुन की बारात में हजारों लोग शामिल हुए। बारातियों ने डीजे की धुन पर भी जमकर डांस किया।
आपको बता दें कि शगुन (कुत्ता) के लिए फूलों से सजी कार का इंतेजाम किया गया था। जिसमें बैठकर कर शगुन कुतिया के घर की ओर बढ़ रहा था। कुतिया के घर पर जयमाल के लिए स्टेज बना हुआ था। स्टेज पर दोनों ने जब एक-दूसरे के गले में जयमाल डाली तो वहां मौजूद लोगों ने फूलों की वर्षा कर अपनी खुशी जाहिर की।
वहीं दूसरी तरफ शादी में शामिल हुए रिश्तेदारों व बारातियों के लिए लजीज पकवानों की व्यवस्था की गई थी। घर के बाहर जहां लोग पकवानों का स्वाद ले रहे थे वहीं घर के अंदर सजे मंडप में शगुन-शगुनिया (कुत्ता-कुतिया) शादी के बंधन में बंध रहे थे। शादी की रस्मों के बाद विदाई के समय जंग बहादुर की आखों से आंसुओं की धारा बह निकली।