Edited By Nitika,Updated: 19 Sep, 2019 12:14 PM
उत्तराखंड में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई पहल करने जा रही है। इसी के चलते अब सरकारी स्कूलों की तर्ज पर निजी स्कूलों में भी संस्कृत भाषा को अनिवार्य रूप में पढ़ाया जाएगा। वहीं इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
देहरादूनः उत्तराखंड में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई पहल करने जा रही है। इसी के चलते अब सरकारी स्कूलों की तर्ज पर निजी स्कूलों में भी संस्कृत भाषा को अनिवार्य रूप में पढ़ाया जाएगा। वहीं इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृत शिक्षा को लेकर सरकार के इस कदम से संबंधित विषय के बेरोजगार शिक्षकों को रोजगार का नया अवसर मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कृत को सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों के लिए भी अनिवार्य किया जाएगा। वहीं अरविंद पांडेय ने बताया कि सभी निजी स्कूलों में कक्षा 3 से लेकर कक्षा 8 तक संस्कृत पढ़ाना अनिवार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा को स्कूलों में पढ़ाए जाने से द्वितीय राजभाषा को बढ़ावा मिलेगा।संस्कृत को स्कूलों में पढ़ाए जाने के साथ ही सभी सरकारी स्कूलों के नाम हिंदी के साथ-साथ संस्कृत में भी लिखे जाएंगे।
बता दें कि सरकार के निर्देश का पालन न करने वाले स्कूलों की मान्यता समाप्त करने संबंधी कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने शासनादेश जारी करने के शिक्षा सचिव को निर्देश दिए हैं।